क्या है बिट्स पिलानी फीस वृृृद्धि का मामला
-बिट्स पिलानी में करीब 4000 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। हर साल फीस में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाती है, जो अघोषित होती है।
-वर्ष 2018 से बिट्स पिलानी प्रबंधन करीब 22 प्रतिशत फीस बढ़ाना चाह रहा है।
-इस फीस बढ़ोतरी को लेकर सैकड़ों छात्र 6 मई 2018 को सुबह 11 बजे छात्रावासों से बाहर आकर प्रदर्शन करने लगे।
-छात्रसंघ अध्यक्ष सत्यांश राय, सिद्धार्थ नंबूरी, भारतर, पुल्ली, आकाश सिंह व सिद्धांत आदि के नेतृत्व में रैली निकाली गई।
-रैली गांधी सर्किल से न्यू एकेडमिक भवन के पास से होती हुई बिट्स ओडी पहुंची।
-रैली निकालकर विद्यार्थी बिट्स पिलानी परिसर में ही धरने पर बैठ गए।
-उधर, गोवा व हैदराबाद कैम्पस के विद्यार्थियों ने भी बिट्स पिलानी के विद्यार्थियों के समर्थन में प्रदर्शन किया।
-11 मई 2018 को विद्यार्थियों ने विरोध स्वरूप एक-एक रुपया एकत्रित कर वीसी के चैम्बर के बाहर रखा।
-संस्थान निदेशक डा. एके सरकार, रजिस्ट्रार शिवा सुब्रह्मणयम, चीफ वार्डन शिब आशीष चौधरी, डीन कुमार सचदेवा ने आंदोलनरत विद्यार्थियों से वार्ता की।
-निदेशक डा. एके सरकार ने विद्यार्थियों को बिट्स संस्थान की ओर से बढ़ाई गई फीस को अन्य जगहों से तुलना की और फीस वृद्धि को सही ठहराया।
-करीब एक घंटे तक संस्थान निदेशक और विरोध करते विद्यार्थियों में बात हुई लेकिन सहमति नहीं बनी।
-विद्यार्थियों ने फीस बढ़ोत्तरी वापस नहीं लेने तक आन्दोलन जारी रखने की चेतावनी दी।
आगामी आदेश तक नहीं लेंगे फीस
वार्ता बेनतीजा रहने और विद्यार्थियों के आंदोलन जारी रखने की चेतावनी को देखते हुए छुट्टियों में ली जानेवाली फीस आगामी आदेश तक जमा नहीं करवाने पर दोनों पक्षों में सहमति बनी थी। इसके बाद विद्यार्थी ग्राीष्मकालीन अवकाश पर चले गए। अब विद्यार्थियों में संस्थान द्वारा उनके परिजनों को मेल भेजे से नाराजगी है।
छात्र नेता ने जताई नाराजगी
बिट्स पिलानी के एक छात्र नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हमने फीस वृद्धि को लेकर आन्दोलन किया था। संस्थान द्वारा जुलाई माह तक बकाया फीस जमा नहीं करने का आश्वासन दिया गया था। अब जब सब विद्यार्थी अपने घरों को चले गए हैं तब संस्थान द्वारा अभिभावकों को ईमेल भेजकर अभिभावकों से उन्हें समझाने का आग्रह किया गया है। इस को लेकर हम लोग आहत हैं।
#Rollbackbitspilanifeehike
फीस वृद्धि के विरोध में विद्यार्थियों ने न केवल कैम्पस परिसर में आवाज उठाई बल्कि सोशल मीडिया का भी जमकर इस्तेमाल किया है। विद्यार्थियों ने ट्विटर रोल बैक बिट्स पिलानी फी हाइक हैशटेग के साथ विरोध की तस्वीरें पोस्ट की।
बिट्स पिलानी का इतिहास
बिरला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान पिलानी भारत के सबसे पुराने व जाने-माने प्रौद्योगिकी संस्थान में से एक है। देश के प्रसिद्ध उद्योगपति घनश्याम दास बिड़ला (जीडी बिड़ला) पिलानी के रहने वाले थे। उन्होंने वर्ष 1929 में पिलानी में इंटर कॉलेज की स्थापना की थी।
द्वितीय विश्वयुद्ध के समय भारत सरकार के रक्षा सेवाओं और उद्योग के लिए तकनीशियनों की आपूर्ति के लिए पिलानी में तकनीकी प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया गया। वर्ष 1964 में बिरला इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री कार्यक्रमों से परिवर्तित कर दिया गया।
इसी साल बिड़ला के सभी कॉलेज कला, वाणिज्य, इंजीनियरिंग, फार्मेसी और विज्ञान केबिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और साइंस (बिट्स) के रूप में मिला दिया गया।
यहां भी हैं बिट्स कैम्पस
दुबई वर्ष 2000
गोवा वर्ष 2004
हैदराबाद वर्ष 2008
BITS PILANI ने दिया UPSC 2017 टॉपर
बिट्स पिलानी ने दुनियाभर को कई बेहतरीन इंजीनियर दिए हैं। इसके अलावा बिट्स में पढ़कर कई विद्यार्थी भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में उच्च पदों पर कार्यरत हैं। इस साल यूपीएससी 2017 का टॉपर भी बिट्स पिलानी ने ही दिया है। सिविल सेवा परीक्षा 2017 में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले तेलंगाना निवासी अनुदीप डुरीशेट्टी ने बिट्स पिलानी से वर्ष 2011 में बीटेक किया था।