scriptशहीद बिजेंद्र दौराता की पार्थिव देह से लिपटकर रोती रही वीरांगना, 3 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि: सीने में दबाए रखी बात | 3-year-old son lit the funeral pyre of his martyred father, the braveheart kept clinging to the martyr's mortal remains, kept the matter in her heart | Patrika News
झुंझुनू

शहीद बिजेंद्र दौराता की पार्थिव देह से लिपटकर रोती रही वीरांगना, 3 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि: सीने में दबाए रखी बात

Martyred Bijendra Singh: जैसे ही शहीद बिजेंद्र दौराता की वीरांगना अंकिता देवी को पार्थिव देह के पास लेकर आए तो हर किसी की आंखें नम हो गई। वीरांगना अपने आप को संभाल नहीं पाई और बार-बार शहीद की पार्थिव देह से लिपट- लिपटकर रोती रही।

झुंझुनूJul 18, 2024 / 05:44 pm

Santosh Trivedi

shahid bikendra singh
खेतड़ीनगर/डूमोली। देश की सेवा करते हुए शहीद हुए बिजेंद्र सिंह दौराता ( Martyred Bijendra Singh) को उनके पैतृक गांव सिंघाना थाना क्षेत्रातर्गत डूमोली कलां के खूबा की ढाणी में तिरंगा यात्रा निकालकर सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। तीन साल के बेटे विहान ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। शहीद के पिता रामजीलाल को सेवा के जवानों ने तिरंगा सौंपकर गार्ड ऑफ ऑनर दिया। मुरादपुर के एक निजी विद्यालय से तिरंगा यात्रा शुरू होकर डूमोली पहुंची। जहां घरों की छतों पर चढ़कर पुष्प वर्षा की गई। जगह-जगह स्वागत किया गया।

जेसीबी से फूल बरसा कर शहीद का सम्मान किया

बुधवार दोपहर को करीब 1:30 बजे शहीद की पार्थिव देह मुरादपुर की निजी स्कूलों में पहुंची। जहां पर तिरंगा यात्रा के लिए दोनों शहीदों को रवाना किया गया। शहीद की तिरंगा यात्रा मुरादपुर, डुमोली खुर्द, डुमोली कलां होते हुए पैतृक गांव पहुंची। इस दौरान बीच रास्ते में महिलाओं ने भी फूल बरसाकर स्वागत किया। वहीं ग्रामीणों की ओर से जेसीबी से फूल बरसा कर शहीद का सम्मान किया। दोपहर 2:30 बजे गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम शहीद के घर पहुंच गए और शहीद के पिता से मिलकर ढांढ़स बंधाया। दोपहर 3:27 पर शहीद की तिरंगा यात्रा जवान के घर पहुंची।

वीरांगना अपने आप को संभाल नहीं पाई

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने भी शहीद की अर्थी को कंदा दिया। 4 बजकर 06 मिनट पर शहीद के पिता व बेटे को शहीद के दर्शन कराए गए। इस दौरान शहीद की माता धोली देवी को ग्रामीण संभाल रहे थे। जैसे ही शहीद की वीरांगना अंकिता देवी को पार्थिव देह के पास लेकर आए तो हर किसी की आंखें नम हो गई। वीरांगना अपने आप को संभाल नहीं पाई और बार-बार शहीद की पार्थिव देह से लिपट- लिपटकर रोती रही। चार बजकर 30 मिनट पर जवान बिजेंद्र सिंह की अंतिम यात्रा शुरू हुई। घर से 500 मीटर की दूरी पर खुद के खेत में अंतिम संस्कार किया गया।
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सीने में दबाए रखी बात


शहीद बिजेंद्र सिंह की शहादत की खबर उनके छोटे भाई दशरथ सिंह ने 36 घंटे तक अपने सीने में दबाए रखी। जब तक बिजेंद्र की पार्थिव देह घर के पास नहीं आ गई, तब तक घर वालों को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, झुंझुनूं सांसद बिजेंद्र ओला, सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार, खेतड़ी विधायक इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर, पूर्व सांसद नरेंद्र खिचड़ी, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, नौरंग डांगी, कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिनेश सूंडा, प्रधान हरि कृष्ण यादव, सिंघाना अध्यक्ष विजय पांडे, प्रधान मनीष गुर्जर खेतड़ी, पूर्व विधायक सुभाष पूनिया, सिंघाना प्रधान प्रतिनिधि हरपाल चौधरी, पूर्व विधायक हजारीलाल गुर्जर, पूर्व प्रधान मदन लाल गुर्जर, जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल, झुंझुनूं पुलिस अधीक्षक राजश्री राज, सीएमएचओ डॉ छोटेलाल गुर्जर, एडीएम रामरतन सौंकरिया, एसडीएम हेमंत कुमार, सिंघाना बीडीओ दारासिंह, चिड़ावा तहसीलदार कमलदीप, भाजपा युवा नेता सतीश गजराज, झुंझुनू के भाजपा नेता बबलू चौधरी, विकास भालोठिया, यूथ कांग्रेस के भूपेंद्र गुर्जर, हरीश शर्मा, विकास दोराता, रोहतास मनकस नरेश बढ़ाऊ, प्रहलाद पीटीआई, जोगेंद्र पहलवान, रूपचंद सिराधना, कर्मवीर यादव, श्रीकृष्णा स्कूल के निर्देशक रामनिवास दोराता, रामस्वरूप कसाना कूठानिया, भूपेंद्र गुर्जर, एएसआई कल्याण सिंह, सैनिक कल्याण बोर्ड के पदाधिकारी क्षेत्र के सरपंच प्रतिनिधि गण सहित आर्मी व पुलिस की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

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