scriptपहले मरीजों के मरने का करते थे इंतजार, फिर करते थे रेमडेसिवर इंजेक्शन का सौदा | Wrong work of medical staff with Corona infected patients in Jhansi | Patrika News
झांसी

पहले मरीजों के मरने का करते थे इंतजार, फिर करते थे रेमडेसिवर इंजेक्शन का सौदा

मेडकिल के हैवान कर्मचारी मरीज की मौत होने पर रेमडेसिवर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) को चालीस हजार में बेच देते थे।

झांसीMay 02, 2021 / 01:14 pm

Neeraj Patel

Jhansi Medical Collage

Wrong work of medical staff with Corona infected patients in Jhansi

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
झांसी. कोरोना काल के इस दौर में मेडीकल कर्मचारियों से लेकर मेडिकल दलालों, मेडिकल स्टोर संचालकों ने सिंडिकेट बनाकर वेंटिलेटर पर एक-एक सांसों के लिए जूझ रहे कोरोना संक्रमित (Corona Infected) मरीजों की मौत का इंतजार ज्यादा मुनाफे के लिए कर रहे हैं। यूपी के झांसी में मरीजों की जान बचाने के लिए परिजनों द्वारा मेडकिल कर्मचारियों को दिए गए। मेडिकलकर्मी रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) न लगाकर वेंटिलेटर पर मौत से जूझ रहे मरीज के मरने का बेसब्री से इंतजार करते थे। जब मरीज की मौत हो जाती थी तो मेडकिल के हैवान कर्मचारी उस मरीज के इंजेक्शन को चालीस हजार में बेच देते थे।

दरअसल, झांसी जिले में कोरोना संक्रमितों के लिए संजीवनी मानी जा रही दवा रेमेडिसीवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी बड़े पैमाने पर की जा रही थी। जिसका खुलासा झांसी पुलिस ने किया है। रेमेडिसीवीर इंजेक्शन को असल कीमत से कई गुना ज्यादा महंगे दामों पर बेचने वाले 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की एसओजी टीम और नबाबाद पुलिस ने मेडिकल लाइन से जुड़े लोगों के कब्जे से कई इंजेक्शन और लाखों रुपए बरामद किए हैं।

कालाबाजारी करने वालों की तलाश कर रही थी पुलिस

एसएसपी रोहन पी कनय के निर्देशन व एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी व सीओ सिटी राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में एसओजी टीम सहित अन्य थाना पुलिस को रेमेडिसीवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों की तलाश में लगाया गया था। इसी बीच पता चला कि मेडिकल कॉलेज क्षेत्र स्थित मेडिकल स्टोर से यह काम संचालित हो रहा थ। मनीष पाल, जमुना प्रसाद, तनिष्का मेडिकल स्टोर से विशाल विरथरे, जेनिया नर्सिंग होम से हिमांशु समाधिया, मानस हॉस्पिटल सिंह से हरेंद्र पटेल, मानवेन्द्र पटेल, सचिन्द्र प्रजापति के कब्जे से असली /नकली भरे हुए 9 इंजेक्शन, रेमेडिसीवीर की खाली प्लास्टिक आउट कांच की छोटी शीशियां, कोरोना, रैपिड टेस्ट किट, 5 डिस्पोजल सीरिंज वा 2 लाख 30 हजार रुपए बरामद किए गए हैं।

ये भी पढ़ें – कोरोना योद्धा! मां की कोरोना से हुई मौत, ड्यूटी पर रहकर लोगों की जान बचा रहे डॉ अतुल

कई मरीजों को समय पर नहीं मिल सका रेमेडिसीवीर इंजेक्शन

पूरे मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी रोहन पी कनय ने कहा कि गिरफ्तार सातों अभियुक्तों की करतूत के चलते कई मरीजों की जान चली गई। सातों अभियुक्तों के खिलाफ पुलिस एनएसए की कार्रवाई जल्द अमल में आएगी। मरीजों को लगाए जाने वाले इंजेक्शन को मेडिकल के कर्मचारी मरीजों को न लगाकर वेंटिलेटर पर उनकी मौत का इंतजार करते थे। जिस मरीज की मौत होती तो गिरोह तत्काल मृतक मरीज के हिस्से के इंजेक्शन को बाजार में बेच देता था।

Hindi News / Jhansi / पहले मरीजों के मरने का करते थे इंतजार, फिर करते थे रेमडेसिवर इंजेक्शन का सौदा

ट्रेंडिंग वीडियो