झांसी को एक बड़े बचाव सेंटर के रूप में चयन किया जाना एक महत्वपूर्ण निर्णय है, क्योंकि यह क्षेत्र नदियों, पहाड़ों, और जंगलों से घिरा हुआ है, जिससे यह आपदा के लिए विशेष रूप से प्रतिस्थित है।
दिगारा में बचाव केंद्र के लिए एक हजार वर्ग मीटर जमीन को चिह्नित करने का एक उत्कृष्ट तय किया गया है, जो सुनिश्चित करेगा कि इस केंद्र की स्थापना बेहतरीन रूप से हो सके।
लखनऊ से अब झांसी तक रेस्क्यू दल के पहुंचने में होने वाले 5-6 घंटों के इंतजार का समापन हो गया है। यह आपदा के प्राधिकृत के लिए एक बहुत अच्छा कदम है, क्योंकि तेज प्रतिक्रिया समय रहते से नुकसान को कम किया जा सकता है।
इस प्रयास में, झांसी ने एक नई ऊर्जा को प्रदान किया है, जो आपदा के समय समुचित सहायता प्रदान करने में सक्षम होगी। एनडीआरएफ सेंटर का स्थापना न केवल इस क्षेत्र के लोगों के लिए बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।