मिशन महानिदेशक ने भेजा संदेश
इस माह राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य आधारित थीम पर जनपद में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के मिशन निदेशक पंकज कुमार द्वारा निर्देश दिया गया है कि जनपद में परामर्शदाताओं द्वारा आउटरीच गतिविधियों जैसे प्रश्नोत्तरी, चित्रकला प्रतियोगिता, गायन प्रतियोगिता, अंत्याक्षरी, रैली, नुक्कड़ नाटक, कठपुतली आदि के माध्यम से समुदायों में मानसिक स्वास्थ्य पर किशोर-किशोरियों में जागरूकता लायी जाए।
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बुंदेलखंड के शामिल किए गए ये जिले
मिशन निदेशक ने इस तरह के कार्यक्रम कराने के लिए झांसी सहित प्रदेश के कुल 57 जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिये हैं। इसमें बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी मण्डल के झांसी एवं ललितपुर तथा चित्रकूट मण्डल से बांदा जनपद को शामिल किया गया है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रबन्धक डा. रामबाबू कुमार ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण घटक है। किशोरावस्था में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि अवसाद, तनाव, काम में मन न लगना, चिंता, आत्महत्या प्रवृत्ति, हिंसा एवं नशावृत्ति की व्यापकता दिन -प्रतिदिन परिलक्षित हो रही है। इन सभी समस्याओं के निदान में योग एवं व्यायाम का महत्वपूर्ण योगदान है। योग के प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता हेतु प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस को दृष्टिगत रखते हुये आरकेएसके के अंतर्गत समस्त गतिविधियां पूरे माह मानसिक स्वास्थ्य थीम पर केन्द्रित की जाएंगी।
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ये है कार्यक्रम का उद्देश्य
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रबन्धक डा. रामबाबू कुमार ने बताया कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा किशोर-किशोरियों को एकत्रित कर किशोर मित्रता क्लब, आउटरीच, ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस एवं कैंप के दौरान किशोरों के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर परामर्शदाताओं द्वारा चर्चा की जा रही है ताकि किशोर-किशोरियों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदित किया जा सके। वहीं ऐसे किशोर-किशोरियों का चिन्हिकरण किया जाएगा जिनको मानसिक स्वास्थ्य पर परामर्श की आवश्यकता है उनको परामर्श हेतु किशोर या किशोरी स्वास्थ्य क्लीनिक पर भेजा जायेगा जिससे उनके मन में उठ रही समस्याओं को दूर किया जा सकें और उन्हें मानसिक बीमारी से ग्रसित होने से बचाया जा सकें।