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झांसी

Jhansi Medical College Fire Accident: वर्ल्ड क्लास NICU में कैसे लगी आग? एक साल पहले फायर एक्सटिंग्विशर हो गए थे एक्सपायर

Jhansi Medical College Fire Accident: उत्तर प्रदेश के झांसी से दिल को दहला देने वाली घटना की खबर सामने आई है। यहां महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में भीषण आग लग गई। आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत अब तक हो चुकी है।

झांसीNov 16, 2024 / 12:25 pm

Swati Tiwari

शुक्रवार की रात झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई। इस घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया। ये नवजात बच्चे अभी दुनिया में आए ही थे लेकिन आग ने इन मासूमों की जिंदगी छीन ली। मां-बाप अपने बच्चों को तड़पते हुए देखते रह गए। कई मां-बाप तो ऐसे थे जो पागलों की तरह अपने बच्चे की तलाश कर रहे थे। इतने नवजात की शवों को देख वहां मौजूद लोग फफक पडे़। बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से ऑक्सीजन सिलेंडर में आग लगी। अब इस हादसे को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। आखिर इन मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन है?

4 जनवरी 2024 के रिपोर्ट में किया गया था ये दावा

4 जनवरी 2024 को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट में इस हॉस्पिटल की खासियत के बारे में बताया गया था। रिपोर्ट में दावा किया गया था – झांसी में अब नवजात शिशुओं को बेहतर इलाज मिल सकेगा। झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में नया नीकू वार्ड बनाया जा रहा है। नीकू( Neonatal intensive care unit) में नवजात शिशुओं को बेहतर इलाज मिलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, इस वार्ड में आधुनिक उपकरणों को एक ही स्थान पर लगाया गया था जिससे बीमार बच्चों के इलाज के लिए उनके माता-पिता को बाहर न भटकना पड़े। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि यहां स्टेट ऑफ द आर्ट एनआईसीयू तैयार किया जा रहा है। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को यहां नया जीवन मिलेगा। जब इस वार्ड का निर्माण किया जा रहा था तब ये भी दावा किया गया था कि यहां वर्ल्ड क्लास (विश्व स्तर) की सुविधाएं मिलेंगी और यह वार्ड हर आधुनिक सुविधा से लैस होगा। लेकिन इस अस्पताल ने 10 मासूमों की जान ले ली। बड़े-बड़े वादे करने वाले इस अस्पताल पर सुविधा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
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एक साल पहले फायर हो चुके थे फायर एक्सटिंग्विशर

बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में लगे फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायर हो गए थे। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2023 में ही फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायर हो चुके है। फायर एक्सटिंग्विशर आग से बचाव के लिए लगाया जाता है। खानापूर्ति के लिए मेडिकल कॉलेज में फायर सिलेंडर लगे थे। इस अस्पताल पर कई सवाल उठ रहे हैं। दस मासूम बच्चों की मौत और परिजनों की चीखों के बीच ये सवाल और अहम हो गया है कि आखिर इतने बड़े खर्च पर स्थापित अस्पताल के वार्ड में आग कैसे लग गई. यूपी सरकार ने इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट में शायद इन सवालों के जवाब मिले। लेकिन इससे भी बड़ा सवाल उत्तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की साख पर उठा है।
ये पहली बार नहीं है जब यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में हो। हाल ही में जब हाथरस में भगदड़ मची थी और सौ से अधिक लोग मारे गए थे, तब भी स्वास्थ्य सेवाएं हादसे से निबटने मेें नाकाफी साबित हुईं थीं। गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की किल्लत से बच्चों की मौत भी सुर्खियों में रही थी।

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