इनमें अधिकांश वर्क फ्रॉम होम में मोबाइल के अधिक इस्तेमाल के कारण पार्टनर को समय न देना, पासवर्ड न बताना, छोटी-छोटी बातों पर नोंकझोक, तनाव, बेवजह मारपीट के अलावा एक दूसरे पर शक करने के मामले सबसे ज्यादा हैं। इसी तरह लखनऊ में 2020 में अकेले घरेलू हिंसा के 534 मामले सामने आए थे। इनमें बेवजह झगड़ा, मारपीट और तनाव के मामले अधिक थे।
100 से अधिक मामले आए सामने वर्क फ्रॉम होम के कारण पति-पत्नी के रिश्तों में खटास आने लगी है। कई मामले तलाक की स्थिति में भी पहुंच गए हैं। झांसी प्रोबेशन कार्यालय में ही पिछले दो वर्षों में कुल 524 मामले सामने आ चुके हैं जो पति-पत्नी के बिगड़ते रिश्तों से संबंधित है। इनमें से लगभग 125 ऐसे मामले हैं जिनमें रिश्ते खराब होने के कारण वर्क फ्रॉम होम और खाली वक्त में मोबाइल के अधिक इस्तेमाल के कारण पार्टनर को समय न दे पाना है।
घरेलू हिंसा के 1075 मामले 2018-2019 अप्रैल तक और 2022 के कुल मामलों को मिलाकर घरेलू हिंसा के 1075 मामले सामने आ चुके हैं। पति-पत्नी में समझौता कराने की तमाम कोशिशें भी विफल रहीं। काउंसलिंग के साथ-साथ जोड़ों को आशा ज्योति केंद्र भी भेजा गया। पति-पत्नी को यह समझाया गया कि काम के साथ-सा अधिकांश मामले अब कोर्ट पहुंच चुके हैं।
रिश्तों में आई खटास के मुख्य कारण – पति-पत्नी का भावनात्मक जुड़ाव कम होना। – काम के बोझ के कारण एक दूसरे को समय न दे पाना। – संयुक्त परिवार का टूटना, पति-पत्नी का अकेले में ज्यादा रहना।
– परिवार के अन्य सदस्यों का आपसी मामले में दखल देना।