दो महीने तक खुद की देखभाल झांसी की रहने वाली मिनी खरे जीव आश्रय समिति नाम की संस्था की संचालक हैं। उन्हें फरवरी में किसी ने शेरी के बारे में सूचना दी तो उन्होंने अपनी संस्था के लोगों की मदद से उसके इलाज की जिम्मेदारी उठाई और डॉक्टर्स से संपर्क साधा। डॉक्टर्स ने उसकी आंख का ऑपरेशन करने से इंकार कर दिया तो मिनी ने खुद ही उसकी देखभाल करने का निर्णय लिया। करीब दो महीने तक मिनी ने निजी तौर पर शेरी की देखभाल की। उसे अपने घर में रखा।
पत्रिका से बातचीत में मिनी खरे ने बताया कि उनकी संस्था को शेरी के बारे में जानकारी मिली तो संस्था के सभी लोगों ने उसका इलाज कराना शुरू किया। उसकी हालत पहले से बेहतर तो हो गई लेकिन उसकी देखने की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। फिर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से अडॉप्शन की अपील की गई को एक संस्था ने शेरी को अडॉप्ट करने की पहल की। उनका संपर्क दिल्ली की डॉक्टर प्रेमलता चौधरी से बना। शेरी को लेने के लिए डॉक्टर प्रेमलता चौधरी की टीम झांसी आई और उसे दिल्ली ले गई। मिनी खरे ने बताया कि वहां दो महीने तक शेरी का इलाज चला लेकिन उसके देखने की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया। हालांकि, उसकी हेल्थ अच्छी थी। इसके बाद जून माह में यह डॉग अमेरिका पहुंच गया।
अमेरिकी महिला ने लिया गोद मिनी खरे बताया कि अमेरिकी संस्था हेलेन ब्राउन ने शेरी को अपने पास रखने का जिम्मा उठाया। साथ ही इसके लिए किसी गोद लेने वाले की तलाश भी वहां शुरू कर दी। इस बीच शेरी की सेहत और उसके इलाज अपडेट लगातार अमेरिकी संस्था मिनी खरे को दिया करती थी। 12 जुलाई को एक लंबे संघर्ष के बाद शेरी को गोद लेने वाले की तलाश खत्म हुई। अमेरिका की ही एक महिला ने शेरी को गोद लेते हुए उसके इलाज की जिम्मेदारी उठाई है।