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बुंदेलखंड में हालात ज्यादा खराब
बुंदेलखंड के हालात पिछले कई वर्षों से ज्यादा अच्छे नहीं चल रहे हैं। क्षेत्र में लगातार सूखे के हालात रहते हैं और गर्मी में पानी की भयंकर मारामारी रहती है। तालाब व अन्य परंपरागत जलस्रोत भीषण गर्मी में सूख जाते हैं और भूगर्भ जल भी लगातार नीचे को जाने से हैंडपंप व अन्य ट्यूबवेल वगैरह भी साथ छोड़ देते हैं। ऐसे में जानवरों से लेकर इंसानों तक सभी को पीने के पानी का संकट खड़ा हो जाता है। इस बार भी गर्मी के तेवरों ने लोगों की हालत पतली कर रखी है। बुंदेलखंड का पारा 48 और 49 तक को पार कर गया। ऐसे में लोग भीषण गर्मी के साथ-साथ जल संकट के कारण परेशान हो उठे। ऐसे में ही पिछले दो-तीन दिन में हुई बारिश ने लोगों को राहत जरूर प्रदान की है।
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मौसम विज्ञानी बता रहे चक्रवाती तूफान ‘वायु’ का असर
अभी हो रही बारिश को मौसम विज्ञानी चक्रवाती तूफान वायु का आंशिक असर बता रहे हैं। मौसम वैज्ञानिक डा.मुकेश चंद्र का कहना है कि इस बारिश को प्री-मानसून बारिश कहना उचित नहीं होगा, क्योंकि बारिश सभी जगह एक जैसी नहीं हुई है। कहीं तेज, कहीं धीमी। प्री-मानसून बारिश सभी जगह होती है। उन्होंने बताया कि चक्रवाती तूफान ‘वायु’ का आंशिक असर यहां देखने को मिला है। इसी की वजह से तेज हवाएं भी चलीं। उन्होंने बताया कि अगले एक-दो दिन में ‘वायु’ का असर समाप्त हो जाएगा। इसके बाद प्री-मानसून बारिश हो सकती है। उनका कहना है कि अभी मानसून आने में तो करीब 10 दिन का समय लग सकता है।