रीछवा कस्बे के समीप गांव दीवड़ी में जंगली सुअरों की बढ़ती संख्या के कारण ग्रामीण परेशान हैं। गांव के एक ओर वन विभाग का घना जंगल विकसित हो गया है वहीं दूसरी ओर कालीसिंध बांध के अंदर ऊंची जगहों पर बड़े बड़े टापू है। इन दोनों जंगल व टापू पर दिनों दिन जंगली सुअरों की संख्या बढ़ती जा रही है। जंगली सुअर अब गांव दीवड़ी के घरों में आकर जानलेवा हमले करने लगे हैं।
सरपंच संगीता पिन्टू पाठक ने बताया कि गांव में गत 5 जनवरी की देर शाम को घर में खेल रही बालिका दीया (7) पुत्री अमरलाल भील पर जंगली सूअर ने हमला कर दिया। बालिका की जर्सी सुअर के दांतों में फंस गई। ऐसे में बालिका की जान बच गई। घर में जंगली सुअर को देखकर चीख पुकार मच गई। इस दौरान जंगली सुअर अमरलाल भील, दुर्गाशंकर, मांगीलाल व तंवर सिंह भील के घरों में घुसकर उत्पात मचाता रहा।
तापते हुए बचाने दौड़े
गांव में सुअर घुस आने के बाद चीख पुकार सुनकर पास ही माताजी के चबूतरे के पास अलाव ताप रहे युवक गोविन्द, दीपक व करण सिंह भील व अन्य लोग दौड़ पड़े। गांव के दुर्गाशंकर भील (34), करण सिंह भील (33) एवं मांगीलाल भील (65) पर भी जंगल सूअर ने हमला कर दिया। इनके हाथ, पांव व जांघ में चोटें आई है।
दर्द से कराहते रहे
जंगली सुअर के हमले में घायल हुए करण सिंह भील ने बताया कि घटना के बाद वह तीनों दर्द के मारे कराहते रहे। परिजन उन्हें रीछवा के पीएचसी अस्पताल लेकर आए। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद 108 एम्बुलेंस की सहायता से झालावाड़ एसआरजी अस्पताल ले जाकर उपचार करवाया। सुअर के हमले में घायल हुए तीनों जनों का अभी तक उपचार चल रहा है। दीवड़ी गांव के ग्रामीणों ने जंगली सुअरों एवं अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षा की मांग की है।