सिटी फोरलेन का डिवाइडर छह महीने पहले तक हरियाली से आबाद था। यहां अच्छी संख्या में पौधे लगे थे। इनमें से कई तो फूलों से भी लदे हुए थे लेकिन जुलाई माह में इन सभी पौधों को उखाड़ फेंका। हालांकि इसके पीछे की मंशा यही थी कि यहां और सुंदर पौधे लगाए जाएंगे लेकिन छह माह बाद भी यहां सूखा पसरा हुआ है। अब छह माह बाद न तो प्रशासन इस पर ध्यान दे रहा और न ही वे लोग व संस्थाएं आगे आ रहे हैं जिन्होंने इस डिवाइडर को गोद ले रखा था। अब डिवाइडर पर दिनभर पशु घूमते रहते हैं।
झालावाड़ सिटी फोर लेन के निर्माण के साथ ही इस डिवाइडर का निर्माण भी हुआ था तथा इस वक्त इस पर फूलदार पौधे लगा दिए गए थे। धीरे-धीरे यह पौधे बड़े होने लगे और फूल भी देने लगे। समय के साथ-साथ पौधों ने अच्छा आकर ले लिया जिससे एक लाइन में चलने वाली गाड़ियों की हेडलाइट की रोशनी दूसरी लाइन में जाना भी बंद हो गई। डिवाइडर पर पौधे लगाए जाने का मुख्य कारण यही होता है कि आमने-सामने चलने वाली गाड़ियों की हेडलाइट की रोशनी एक दूसरे पर ना पड़े, क्योंकि इसके कारण काफी दुर्घटनाएं घटित हो जाती हैं।
सिटी फोरलेन पर लगे हुए पौधों को हटाने का विचार जिला प्रशासन के मन में उस वक्त आया जब वन महोत्सव की शुरुआत की गई। वन महोत्सव के दौरान जिलेभर में सघन पौधारोपण किया जाता है, इसी के चलते इस डिवाइडर पर रंगीन फूलों वाले खूबसूरत पौधे लगाने का मन बनाया गया और जिला प्रशासन की तरफ से आदेश जारी कर दिए गए। अभियान की शुरुआत विधिवत्तझालावाड़ मिनी सचिवालय के मुख्य द्वार के सामने डिवाइडर पर लगे पुराने पौधों को हटाकर नए पौधे लगाकर की गई और एक बड़ा आयोजन हुआ, जिसमें कई संस्थाएं, एनजीओ और निजी विद्यालयों ने भाग लिया। इस अवसर पर सभी संस्थाओं ने अपने-अपने हिसाब से डिवाइडर को गोद लेकर पौधे लगाने और सार संभाल करने की बात कही और अनेक वादे किए गए। लेकिन नतीजा हमेशा की तरह वही ढ़ाक के तीन पात रहा।
जिला कलक्टर ने की थी अभियान की शुरुआत
पुराने पौधे हटाकर नए पौधे लगाए जाने के अभियान की शुरुआत जिला कलक्टर के सानिध्य में हुई थी। इस मामले में जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड का कहना है कि ऐसे सभी हिस्से जहां पर पौधे नहीं है या सूख गए हैं वहां पर पौधे लगवाएंगे। जिला कलक्टर ने कहा कि उन सभी संस्थाओं और लोगों से संपर्क करेंगे जिन्होंने पौधे लगाने की जिम्मेदारी ली थी और जहां से भी पौधे उजड़ गए हैं उनको वापस लगवाया जाएगा।
यहां अभी भी हरियाली
मिनी सचिवालय से लेकर अस्पताल के सामने तक पौधे उजाड़ तो दिए गए लेकिन लगाए नहीं गए। वहीं इससे आगे पशु चिकित्सालय के सामने और झालरापाटन रोड पर आज भी पुराने पौधे बरकरार हैं और हरियाली छाई हुई है। डिवाइडर पर पौधे लगाने की जिम्मेदारी जिन संस्थाओं ने ली थी उनसे बात करके पौधों को वापस लगाया जाएगा। ताकि डिवाइडर फिर से हरे भरे हो सके। उसी तरह की पौधे लगाए जाएंगे जिनको मवेशी नुकसान न पहुंचा सके और वे सुंदर भी लगे।
अजय सिंह राठौड़ जिला कलक्टर झालावाड डिवाइडर पर नए पौधे लगाए जाएंगे। पहले भी कुछ पौधे लगाए थे लेकिन ट्री गार्ड के अभाव में नष्ट हो गए। अब ऐसे पौधे लगाए जाएंगे जो सुंदर और मवेशी भी उनको नुकसान न पहुंचाए।
नरेंद्र कुमार मीणा, कार्यवाहन आयुक्त, नगरपरिषद