प्रदेश की समस्त यूनिट द्वारा वर्तमान में हेल्पलाइन नंबर 1962 पर प्राप्त कॉल अनुसार पशुपालक के द्वारा पहुंचकर बीमार पशुओं उपचार किया जा रहा है। इसके लिए अब हेल्पलाइन नंबर पर फोन कॉल करने की अवधि को बढ़ा दिया है। इस नंबर पर सुबह सात बजे ही बीमार पशुओं के सम्बंध में सूचना दी जा सकेगी, ताकि उन्हें समय पर उपचार मिल सके।
पशुपालन विभाग की ओर से संचालित मोबाइल वेटरनरी यूनिट वाहनों के अधिकतम उपयोग के साथ कॉल सेंटर के माध्यम से अधिक से अधिक पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए हाइटेक किया जा रहा है।
प्रदेश की समस्त यूनिट द्वारा वर्तमान में हेल्पलाइन नंबर 1962 पर प्राप्त कॉल अनुसार पशुपालक के द्वारा पहुंचकर बीमार पशुओं उपचार किया जा रहा है। इसके लिए अब हेल्पलाइन नंबर पर फोन कॉल करने की अवधि को बढ़ा दिया है। इस नंबर पर सुबह सात बजे ही बीमार पशुओं के सम्बंध में सूचना दी जा सकेगी, ताकि उन्हें समय पर उपचार मिल सके। पशुपालन विभाग के शासन उप सचिव संतोष करोल की ओर से इस बारे में आदेश जारी किया गया है।
गांवों में शिविर लगा कर भी करेंगे उपचार
उप सचिव करोल की ओर से आदेश में बताया गया कि अब बीमार पशुओं के उपचार के साथ ही दैनिक आधार पर पशु चिकित्सा शिविर आयोजन के लिए आवश्यकतानुसार मोबाइल वेटरनरी यूनिट स्टाफ के साथ विभागीय पशु चिकित्सक एवं पशुधन सहायक की सेवाएं भी ली जाएगी। वहीं प्रत्येक एमवीयू के माध्यम से प्रतिदिन पूर्व निर्धारित कलैण्डर अनुसार निर्धारित राजस्व गाम में तीन घंटे के एक पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा। कलैण्डर का निर्धारण जिला संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग द्वारा किया जाएगा। शिविर में विभाग के एक पशु चिकित्सा सहायक या पशुधन सहायक भी उपस्थित रहेंगे। पशुपालकों के बीमार पशुओं के उपचार व शल्य चिकित्सा के साथ विभागीय योजनाओं की गतिविधियों को भी संचालित करेंगे।
पशुओं के टेग नंबर से होगा रजिस्ट्रेशन
विभागीय अधिकारियों के अनुसार पशुओं के टेग नंबर को ही उनका आधार नंबर माना जाएगा और उसी नंबर से उनका रजिस्ट्रेशन 1962 एप पर किया जाएगा। इसके लिए उच्चाधिकारियों ने 1962 एप को अधिक से अधिक पशुपालकों से डाउनलोड करवाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वे योजनाओं का लाभ और पशुओं के बारे में आसानी से जानकारियां ले सकें। इसके अलावा कृषि विभाग के अंतर्गत बने किसानों के व्हाट्सअप ग्रुप पर 1962 एप डाउनलोड कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस एप के माध्यम से पशुओं के उपचार सहित अन्य योजनाओं का लाभ पशुपालकों को उपलब्ध कराया जाएगा। मोबाइल यूनिट में यह किया बदलाव
प्रतिदिन प्रात:9-12 बजे तक एक गांव में यूनिट में पशु चिकित्सा शिविर, फिर जाएगी ऑन कॉल।
शिविर के दौरान एमवीयू के स्टाफ के साथ रहेंगे निकटतक पशु चिकित्सालय के अधिकारी/ कार्मिक
कॉल अवधि में डेढ़ घंटे का इजाफा, अब प्रात: 8.30 की बजाय अलसुबह 7 बजे से ही कर सकेंगे कॉल।
शिविरों के आयोजन के लिए पशुचिकित्सा सुविधा विहीन गंावों का अधिनस्थबीवीएचओ/ नोडल अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा रुट चार्ट
हेल्पलाइन नंबर पर अब कॉल करने का समय बढ़ाने से पशुपालकों को काफी सुविधा मिलेगी। सर्दी के मौसम में पशु अधिक बीमार पड़ते हैं। ऐसे में अब बीमार पशुओं को समय पर उपचार मिल सकेगा। वहीं शिविरों लगाने की सुविधा भी अच्छी है।
भागीरथ गुर्जर, पशुपालक अब हेल्पलाइन नंबर पर फोन कॉल करने की अवधि को बढ़ा दिया है। इस नंबर पर सुबह सात बजे ही बीमार पशुओं के सम्बंध में सूचना दी जा सकेगी, ताकि उन्हें समय पर उपचार मिल सके। गांवों में शिविर लगाकर भी पशुओं का उपचार किया जाएगा।
डॉ.टी.ए. बन्सोड, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग झालावाड़