शिक्षा निदेशक की ओर से जारी आदेश के अनुसार शून्य नामांकन वाले 9 स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया गया है। प्रारंभिक से माध्यमिक शिक्षा में 4 स्कूल को मर्ज किया। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के 5 प्राथमिक स्कूलों को उच्च प्राथमिक में मर्ज किया गया है इन स्कूलों में नामांकन शून्य था। ऐसे में अब इन स्कूलों के 13 शिक्षक-शिक्षकाएं दूसरे स्कूलों में सेवाएं देंगे। प्रदेशभर में 8 जनवरी को 190 स्कूलों को मर्ज करने के आदेश जारी किए थे। इनमें 169 स्कूलों में नामांकन शून्य था। मर्ज और बंद किए स्कूल प्रदेश के अलग-अलग जिलों में है। इनमें जयपुर, कोटा,अजमेर, बीकानेर,उदयपुर जैसे संभाग मुख्यालय पर भी स्कूल संचालित है।
जिले में इतने स्कूल हुए मर्ज-
जिले में माध्यमिक शिक्षा में प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर को रिझौन में, प्राथमिक विद्यालय चांदनियाखेड़ी को गाडरवाड़ानूरजी में, मोहम्मदपुरा को पीपलाज में, लामड़ी को रमायदलपत में मर्ज किया गया है। वहीं प्रारंभिक शिक्षा के प्रारंभिक में ही प्राथमिक विद्यालय धामनिया कोप्राथमिक विद्यालय शिवगढ़ में, यूपीएस झंटालिया को उच्च प्राथमिक विद्यालय अमरपुरा कलां में, प्राथमिक विद्यालय कुंडबारी को उच्च प्राथमिक विद्यालय गादिया कुंड, प्राथमिक विद्यालय हथौली को उच्च प्राथमिक हथौला में, प्राथमिक विद्यालय गणेशगंज मजरा मंगता को उच्च प्राथमिक विद्यालय मंगता में मर्ज किया गया है।
मर्ज हुए स्कूलों में इतने शिक्षक थे
स्कूल शिक्षक प्रावि गोपालपुरा 02 प्राविचांदनियाखेड़ी 01 प्राविमोहम्मपुर 01 प्राथमिक वि. लामड़ी 01 प्रावि धामनिया 0 प्रावि झंटालिया 02 प्रावि कुंडबाडी 02 प्रावि हथौली 02 प्रावि गणेशगंज मजरा मांगता- 02
सरकार को दोहरा फायदा-
स्कूलों को मर्ज करने से इनमें कार्यरत शिक्षक अब दूसरी जगह स्कूल में नियुक्त होंगे। उन्हें ऐसे स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा,जिनमें शिक्षकों की कमी है। इसी प्रकार कई ऐसे स्कूल भी थे, जिनमें नामांकन कम था और उनके भवन भी ठीक नहीं थे। अब इन स्कूलों को मर्ज करने से सरकार को शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में लगाने से शिक्षकों की कमी पूरी हो सकेंगी। मर्ज हुए स्कूलों के 13 शिक्षक दूसरे स्कूलों में सेवाएं देंगे।
9 स्कूल होंगे मर्ज-
शिक्षा निदेशक के ओदशानुसर जिले में 9 स्कूल पास के स्कूलों में मर्ज किए गए है। जिसमें 4 माध्यमिक शिक्षा में व 5 प्रारंभिक के प्रारंभिक में ही मर्ज किए गए है। इन स्कूलों के शिक्षकों को पास के ही या जहां ज्यादा जरूरत होगी उन स्कूलों में लगाया जाएगा।
हंसराज मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारंभ्भिक, झालावाड़।