ये है पूरा मामला-
सत्र 2018-19 में पैरामेडिकल पाठयक्रम में करीब 600 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था। जिनका कौंसिल ने प्रथम वर्ष की परीक्षा तो करवा ली, लेकिन परीक्षा का परिणाम जारी नहीं किया और द्वितीय वर्ष की परीक्षा अभी तक नहीं करवाई है। ऐसे में छह साल से बच्चे बेकार बैठे हुए है। इस मामले में तत्कालीन रजिस्ट्रार द्वारा बोर्ड बैठक में 1500 रुपए प्रति विद्यार्थी पेनल्टी व समस्त प्रकरण वापस लेने की शर्त पर रेगुलाइज करने का निर्णय किया था। इस संबंध में राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल जयपुर द्वारा 6 अगस्त 2021 को पत्र जारी किया था। लेकिन उसके बाद भी अभी तक इस विषय में कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
खुद के ऑर्डर को नहीं मान रहे-
राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल जयपुर द्वारा 18 अगस्त 2021 को आदेश निकाला,जिसमें बताया कि विद्यार्थियों से 1500 रुपए प्रति छात्र नामांकन के लिए विलंब शुल्क लेकर इनको नियमित किया जा सकेगा। कौंसिल द्वारा 500 रुपए छात्रों तथा 1000 रुपए प्रति छात्र संस्था द्वारा वहन करना तय किया था। इसके बाद प्रकरण में सम्मलित पैरामेडिकल संस्थाओं द्वारा कौंसिल के विरुद्ध न्यायालयों में विचाराधीन समस्त प्रकरणों को सात दिन में प्रत्याहारित किया जाना होगा। इसके बाद संस्थाओं व छात्रों ने कोर्ट में लगाई अर्जी वापस ले ली,लेकिन अब बच्चों की सुनने वाला कोई नहीं है।
कई बच्चे अवसाद में
विद्यार्थियों का कहना है कि हमारे बाद के छात्रों की परीक्षा हो गई है। सचिन,अशरर्फी, आकिब खान,किरण देवी, वैभव साहू, कुंदनसिंह, अर्पित सेन,भारती आदि विद्यार्थियों ने बताया कि हमारे परीक्षा फार्म नहीं भरवाने से कई बच्चे अवसाद में है। लगातार सरकार वैकेंसी भी निकाल रही है।
सरकार निकाले कोई रास्ता-
हमारा प्रथम वर्ष का परीक्षा परिणाम अभी तक नहीं आया है। द्वितीय वर्ष के परीक्षा फार्म नहीं भरवाए गए है। जबकि रिक्त सीटों पर हर बार प्रवेश होते हैं। समय पर परीक्षा नहीं करवाने से हमारा भविष्य दांव पर है।
बंशी प्रसाद, डीआरटी छात्र।
तीन साल हो गए हैंए
अभी तक यूनिवर्सिटी वाले कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। जबकि हर बार रिक्त सीटों पर प्रवेश होता है। अगर प्रवेश नहीं देना था तो पहले ही मना कर देते, हमारे चार साल और लाखों रुपए बेकार तो नहीं होते।
बादल पाटीदार, डीआरटी छात्र।
अगर जिले में पेरामेडिकल में प्रवेश संबंधी इस तरह का मामला है। तो राजस्थान नर्सिंग कौंसिल को पत्र खिलकर अवगत कराया जाएगा। पत्र खिलावाकर समस्या का समाधान करवाने का प्रयास करेंगे।
डॉ.साजिद खान, सीएमएचओ,झालावाड़।