झालरापाटन में शुक्रवार शाम को अचानक से मौसम बदल जाने और तेज अंधड के साथ बरसात और ओलावृष्टि होने से राज्य स्तरीय चंद्रभागा कार्तिक मेले में एक बड़ा झूला गिर गया। मेले में करीब 200 से अधिक दुकानों के टीन टप्पर उड़ने के साथ ही टेंट, तिरपाल फट गए, जिससे दुकानो में रखा सामान भीग कर खराब हो गया। गनीमत रही की मेले में कोई जनहानि नहीं हुई। जिस समय झूला गिरा उस समय झूला खाली था।
तेज अंधड के साथ हुई बरसात का पानी दुकानों के अंदर घुस गया जिससे व्यापारियों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ। मेले के सभी बाजारों में बरसात का पानी भरा होने से यह जलाशय बन गए और हर तरफ कीचड़ फैल गया। जिससे पूरा मेला अस्त व्यस्त हो गया। मेला व्यापारियों ने मेले में हुए नुकसान के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए आक्रोश जताया।
नारेबाजी कर प्रदर्शन किया
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष इम्तियाज हुसैन, नगरपालिका में विपक्ष के नेता मोहम्मद खालिद, मेला व्यापारी प्रभुलाल, सुरेश कुमार, मोहम्मद, शादाब हुसैन, महेश कुमार, सुशील, अजय कुचबंदा, प्रभुलाल, दुलीचंद प्रजापति की अगुवाई में शनिवार दोपहर को मेला व्यापारी मेला परिसर में एकत्र हुए। जिन्होंने प्रशासनिक उदासीनता से व्यापारियों को हुए नुकसान को लेकर जिला एवं मेला प्रशासन के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी व्यापारियों ने बताया कि जिला प्रशासन एवं पशुपालन विभाग मेले में भूखंडों के आवंटन से हर वर्ष करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त कर रहा है। इसके बावजूद मेला व्यापारियों को किसी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। मेला परिसर में सड़के, स्थाई रूप से दुकानें नहीं बनाई जा रही है और व्यापारियों के लिए अन्य किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं है जबकि मेला प्रशासन हर वर्ष दुकानों की बोली में 10 प्रतिशत राशि की बढ़ोतरी कर रहा है। व्यापारियों ने बताया कि इस बार प्रशासन ने मनमानी करते हुए दुकानों के आगे छज्जे नहीं निकालने दिए जिससे वह दुकानों के आगे बल्लियां नहीं लगा पाए और तेज हवा के साथ हुई बरसात से दुकान के अंदर रखा सामान भीग गया। व्यापारियों ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा से सभी दुकानदारों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि पहले ही दुकानदारों को बोली में महंगी दरों पर दुकाने मिली है और ऊपर से यह आपदा आ जाने से दुकानदार बर्बादी के कगार पर आ गए हैं। जिला प्रशासन को प्रभावित दुकानदारों को उचित मुआवजा देना चाहिए।
मेले की अवधि 31 जनवरी तक बढ़ाई जाए
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस आपदा को देखते हुए मेले की अवधि 14 जनवरी से बढाकर 31 जनवरी तक की जाए। जिससे दुकानदारों को हुए नुकसान की भरपाई हो सके। उन्होंने बताया कि बरसात से भीगे माल को सूखने में ही एक सप्ताह का समय लग जाएगा इतने में प्रशासन द्वारा दी गई अवधि आ जाएगी इन हालात को देखते हुए व्यापारियों को यह राहत दी जाए।