आला अधिकारी व राजनेता भी इन्ही सड़कों से गुजर रहे हैं। जगह जगह हो रहे गड्ढों ने लोगों की हालत खराब कर दी है। फिर भी सड़कों की मरम्मत व गुणवत्ता को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीण कमलेश पाटीदार, राहुल राठौड़, रामलाल धाकड़ और रामबिलास भील आदि ने बताया कि सडक़ पर कब पेचवर्क का कार्य कराया था, यह भी किसी को पता नहीं है।
फिर किस काम की मरम्मत
जानकार सूत्रों के अनुसार बारिश के बाद हर वर्ष इन सड़कों पर लाखों रुपए की लागत से पेचवर्क का कार्य करने के लिए भारी भरकम बजट जारी किया जाता है जो सडक़ें बरसात में उखड़ जाती हैं उन सब पर पेचवर्क कार्य कराया जाता है, लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को यह मार्ग नजर नहीं आया होगा। इस मार्ग की सड़क पर चारों तरफ गड्ढे नजर आने लगे हैं।
हादसे को न्योता
गड्ढों ने लोगों का सडक़ों पर चलना मुश्किल कर दिया है। गड्ढों के कारण वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे कई बार दुर्घटनाएं हो जाती हैं। रात के समय लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। सडक़ों पर बीचों बीच हो रहे गड्ढों से दुर्घटना होने का बड़ा खतरा है। दुपहिया वाहन चालकों की जान सांसत में रहती है। दोपहर को गड्ढों के कारण सडक़ों पर उडऩे वाली धूल व कंकड़ से लोगों की हालत खराब रहती है। वाहन चालक हो या सड़क के आस- पास खेतों में काम करने वाले लोग, सभी परेशान है।
भालता स्टेट हाइवे 119 निर्माण योजना अंतर्गत आरएसआरडीसी द्वारा क्षेत्र के आसलपुर से झंटालिया तक करीब 20 किमी पूर्व में निर्मित डामरीकृत सड़क की दोनों साइड चौड़ीकरण व सीसी सड़क निर्माण कार्य होना है। इस मार्ग के बीच रपटों व पुलियाओं का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 35 करोड़ 80 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। यहां मिट्टी खुदाई व निर्माण कार्य के चलते मार्ग भी कभी इधर,कभी उधर डाइवर्ट करने के बावजूद साइन बोर्ड के अभाव में राहगीर व वाहन चालक गुमराह हो रहे हैं। कार्य की पारदर्शिता के लिए आवश्यक निर्माण कार्य की वित्तीय स्वीकृति, कार्यकारी एजेंसी, निर्माण पूर्ण तिथि व विभागीय अधिकारियों के मोबाइल नंबर वाले नागरिक सूचना बोर्ड भी संवेदक ने लगाना उचित नही समझा। जबकि पिछले 4 महीनों से निर्माण कार्य चल रहा है।
संकेत बोर्ड भी नहीं
स्टेट हाइवे 119 के निर्माणाधीन मार्ग में राहगीरों व वाहन चालकों को अनावश्यक परेशानी से बचाने के लिए रेडियम संकेतक व डाइवर्जन बोर्ड भी नहीं लगाए हैं। इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को रात के अंधेरे में परेशानी का सामना करना पड़ता है। संवेदक की लापरवाही के कारण 4 महीने बाद भी निर्माण कार्य के दौरान साइन बोर्ड नजर नहीं आते हैं। जो अस्थायी बोर्ड वार्निश से बनवाए गए वो भी अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। बोर्ड कभी नीचे जमीन पर तो कभी कार्य स्थल से दूर पड़े रहते हैं।
भजनलाल सरकार का बड़ा एक्शन, 17 दिन की कार्रवाई में 520 एफआईआर, 243 गिरफ़्तार
रेडियम पट्टी और बोर्ड जरूरी
राहगीरों ने बताया कि पहाड़ी की एक साइड से खुदाई होती है तो उस समय आवाजाही दूसरी साइड से होती है। यहां रात में अंधेरा रहने से कुछ भी दिखाई नहीं देता है। सड़क निर्माण कार्य के दौरान रेडियम पट्टी बांधकर साइन बोर्ड लगाना चाहिए। यहां से गुजरते वक्त अनहोनी से बचा जा सकता हैं।
स्टेट हाइवे 119 निर्माण कार्य में लापरवाही नहीं होने दी जाएगी। यहां रेडियम पट्टी साइन बोर्ड डाइवर्जन सूचना व नागरिक सूचना बोर्ड नहीं होने की जानकारी मिली है। संवेदक को पाबंद कर शीघ्र ही लगवा दिए जाएंगे।
– ललित कुमार, सहायक अभियंता, आरएसआरडीसी
सड़क पर गड्ढे हो रहे हैं, तो शीघ्र ही पेचवर्क का कार्य कराया जाएगा।
– नवीन मीणा, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग