गत 29 सितंबर को गुर्जर समाज ने भी निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद सम्राट मिहिर भोज जयन्ती कार्यक्रम का आयोजन करते हुए शहर में रैली निकाली थी और सभा की थी। इसका राजपूत समाज के युवाओं ने विरोध करते हुए प्रदर्शन किया था और सिटी फोरलेन जाम कर दिया था। राजपूत समाज ने भी 18 अक्टूबर को रैली और सभा की घोषणा की थी। प्रशासन ने राजपूत समाज के लोगों से बैठक कर यह आयोजन नहीं करने का आग्रह किया था, लेकिन समाज ने इनकार कर दिया था।
रैली के दौरान गुर्जर समाज के साथ टकराव की आशंका के चलते प्रशासन ने जिले में गुरुवार शाम सात बजे से शुक्रवार शाम पांच बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद करवा दी थी। गौरतलब है कि राजपूत और गुर्जर समाज के लोग दोनों ही सम्राट मिहिर भोज को अपनी-अपनी जाति का होने का दावा कर रहे है। इस कारण विवाद की स्थिति पैदा हुई।
राजपूत समाज की ओर से रैली दोपहर पौने दो बजे शहर में राजपूत छात्रावास से शुरू हुई,जो कोतवाली के सामने से होते हुए जिंदल चौराहा,निर्भयसिंह सर्किल, बस स्टैंण्ड, सुभाष सर्किल, खेल संकुल,खंडिया होते हुए दोपहर तीन बजे छात्रावास पहुंची। रैली में युवाओं के हाथों में केसरियां ध्वज थे, जिसे वे लहराते हुए दुपहिया व चौपहिया वाहनों पर चल रहे थे।
कई दिनों से चल रही थी तैयारी
राजपूत समाज के युवा रैली के लिए पिछले 15 दिन से तैयारियों में जुटे हुए थे। रैली में पूरे हाड़ौती के साथ प्रदेश के अन्य जिलों और पड़ोसी राज्यों से भी समाज के लोग शामिल हुए।
चप्पे-चप्पे तैनात रही पुलिस
गत 29 सितम्बर को टकराव के हालात देखते हुए इस बार भारी पुलिस बल तैनात रहा। शहर में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 4 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 10 आरपीएस अधिकारी सहित करीब एक हजार पुलिस कर्मी तैनात किए थे। अन्य जिलों से भी पुलिस बल बुलाया गया था शहर के प्रमुख चौराहों पर बेरिकेड्स लगाए गए थे। शहर के अंदर आने के प्रमुख मार्गों पर अतिरिक्त जाप्ता लगाया गया।
इंटरनेट बंद रहने से हुए परेशान
शहर में 24 घंटे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहने से व्यापारी और लोग परेशान रहे। लोगों पिछले 24 घंटे तक सोशल मीडिया से दूर रहे। व्यापारियों और दुकानदारों को ऑनलाइन लेन-देन में दिक्कत रही। ऑनलाइन कामकाज भी प्रभावित रहा।