scriptबल्ले-बल्ले! राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत सरकार किसानों को देगी 50 फीसदी तक अनुदान, सिर्फ करना होगा ये काम | Great! Under the National Horticulture Mission, the government will give up to 50 percent subsidy to farmers, they just have to do this work | Patrika News
झालावाड़

बल्ले-बल्ले! राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत सरकार किसानों को देगी 50 फीसदी तक अनुदान, सिर्फ करना होगा ये काम

अनुदान राशि तीन वर्ष की अवधि पूरी होने बाद बैंक एड प्रक्रिया से अंत में समायोजित की जाएगी। तय परियोजना प्रस्ताव का क्रियान्वयन नहीं करने व पौध उत्पादन का कार्य बंद करने की स्थिति में अनुदान की राशि वापस ली जाएगी।

झालावाड़Sep 05, 2024 / 04:27 pm

Akshita Deora

अब किसानों को खेतों में नर्सरी स्थापित करने पर भी सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा। किसान अब खेतों में नर्सरी बनाकर हर वर्ष लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं। उद्यान विभाग नर्सरी लगाने वाले किसानों को 50 फीसदी तक अनुदान देगा। विभाग के अनुसार राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत कोई भी किसान खेतों में नर्सरी लगा सकता है।
काश्तकार को छोटी नर्सरी के लिए भू-स्वामित्व दस्तावेज, सुविधाओं के विवरण सहित वित्तीय विश्लेषण व अन्य जरुरी दस्तावेज के साथ जिला उद्यानिकी विभाग में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जहां से अभिशंसा के बाद राज्य सोसायटी उद्यान निदेशालय तक भेजा जाएगा।

ऐसे मिलेगा अनुदान

काश्तकार नर्सरी की स्थापना करता है तो उसे बैंक ऋण की जरूरत होती है। इस आधार पर विभाग की ओर से किसानों को नर्सरी विकसित करने पर 50 प्रतिशत यानी 7 लाख 50 हजार तक अनुदान देय होगा। इसे लेकर परियोजना लागत का लगभग 70 से 75 प्रतिशत बैंक ऋण स्वीकृति पत्र भी आवेदन के साथ प्रस्तुत करना होगा। छोटी नर्सरी की लागत प्रति हेक्टेयर 15 लाख रुपए निर्धारित की गई है।
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राशि होगी समायोजित

अनुदान राशि तीन वर्ष की अवधि पूरी होने बाद बैंक एड प्रक्रिया से अंत में समायोजित की जाएगी। तय परियोजना प्रस्ताव का क्रियान्वयन नहीं करने व पौध उत्पादन का कार्य बंद करने की स्थिति में अनुदान की राशि वापस ली जाएगी।

फलों की लगा सकते हैं नर्सरी

योजना के तहत पौधरोपण सामग्री की आवश्यकता के अनुसार नर्सरी बहुफलीय या फल विशेष के लिए स्थापित की जा सकेगी। प्रस्ताव में फलों और किस्मों के नाम स्पष्ट रुप से अंकित करने होंगे। नर्सरी पर उच्च गुणवत्तायुक्त पौधों का मातृ वृक्ष ब्लॉक अनिवार्य होगा। इसके लिए मातृ पौधे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान, कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों या राज्य के अनुसंधान परिषद के संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों या राज्य के अनुसंधान केन्द्रों से प्राप्त करने होंगे। नर्सरी पर राष्ट्रीय बागवानी मिशन से अनुदानित बोर्ड, जिस पर स्थापना का वर्ष, कुल लागत, मातृवृक्षों की किस्म फसल की जानकारी देनी होगी।
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यह सुविधाएं होना है जरूरी

काश्तकार को उन्नत किस्मों के मातृ वृक्ष ब्लॉक नेच्यूरली वेंटीलेटेड ग्रीन हॉऊस सुविधाएं विकसित करनी होगी। हाईटेक ग्रीन हाउस, जिसमें फॉगिंग व छिड़काव की सिंचाई प्रणाली काम में लेनी होगी। रख-रखाव को लेकर कीट रोगी 35 प्रतिशत लाइट, स्क्रीनिंग एवं सूक्ष्म छिड़काव सिंचाई प्रणाली युक्त शेडनेट हाउस तथा सिंचाई को लेकर पंप हाउस स्थापित करना होगा। मृदा उपचार को लेकर स्टरलाइजेशन प्रणाली को विकसित करना होगा।

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