कस्बे सहित क्षेत्र में इन दिनों खेतों में फसल कटाई जोरों पर हैं, लेकिन पिछले दो दिन से लगातार मौसम खराब रहने से किसान की चिंताएं बढ़ गई हैं। बादल छाने से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें नजर आ रही हैं। क्षेत्र में धनिया, सरसों, मसूर, गेहूं आदि की फसलों की कटाई का कार्य चल रहा है। मौसम बिगड़ने से मजदूरों के दाम भी बढ़ गए हैं।
क्षेत्र के किशनपुरा, रटलाई रीझौन, देवरी,पाटलियाकुल्मी सहित कई गांव में फसल कटाई का कार्य चल रहा है। किसान दिलराज मीणा,राधेश्याम पाटीदार,लालचंद मीणा आदि ने बताया कि खेतों में फसल तैयार हैं, लेकिन मौसम के चलते निकल नहीं पा रहे हैं। इस सीजन में कई बार मौसम खराब रहने से फसलों की पैदावार पर विपरीत असर हुआ है।
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रायपुर. 27 और 28 फरवरी को मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए क्षेत्र के किसान फसलों को सुरक्षित करने में जुटे हैं। लेकिन कई खेतों में फसलें कटी पड़ी हैं।
किसान कटाई रोककर कटी फसलों को इकठ्ठी करने व अच्छी सूखी फसलों को थ्रेसिंग करने में जुटे हैं। रघुनाथपूरा के किसान बजरंग लाल ने बताया कि मजदूर मुश्किल से मिल रहे है। सहायक कृषि अधिकारी अरविन्द पाटीदार ने बताया कि इस समय रबी की सरसों, मसूर व धनिया की कटाई जोरों पर है।
बकानी. क्षेत्र में लगातार चल रही तेज हवा से अब नुकसान होने लगा है। खेतों में खड़ी फसलें आड़ी हो गई हैं। नानोर गांव निवासी जगदीश राठौर ने बताया कि फसलें धराशाही हो रही हैं। वहीं मोड़ी गांव में विशाल इमली का पेड़ गिरने से दीवार टूट गई है व बिजली के तार टूट गए। कालू फकीर ने बताया कि सोमवार को तेज हवा से नुकसान हुआ।
क्षेत्र में इस बार पाला गिरने से अधिकतर खेतों में अफीम फसल औंधे मुंह गिर गई है। कास्तकार अमृत राठौर ने बताया की डग में नारकोटिक्स विभाग ने अफीम उत्पादक किसानों को फसल बुवाई के लिए करीब 23 पट्टे कास्तकारी के लिए आवंटित किए थे। इनमें 18 पट्टे सीपीसी योजना के अंतर्गत दिए हैं। किंतु बिगड़े मौसम से इस बार ज्यादा नुकसान हुआ है। गत दिनों करीब एक पखवाड़े तक पाला पडऩे से पौधा भी टेड़ा चला एवं सफेद, काली मस्सी रोग भी लगा। जैसे ही अफीम की फसल में चीरा लगने की बारी आई तो तेज हवा से फसल आड़ी पड़ गई। फसल में 90 फीसदी नुकसान माना जा रहा है।सजन लोधा व मान सिंह सहित कई किसानों ने बताया की अगर पंद्रह दिन तक फसल में कोई परेशानी नहीं आई तो दाना पक जाएगा। इससे लागत की कुछ अदायगी तो हो जाएगी। नहीं तो सिवाय नुकसान के कुछ हाथ नहीं आएगा।
ग्राम पंचायत उन्हेल गांव में तेज हवा से अफीम की फसल आड़ी पड़ गई है। किसान फसल को हांकने के लिए जिला अफीम अधिकारी के समक्ष आवेदन दे रहे हैं। अफीम पट्ट धारक किसान कन्हैया लाल दांगी व सुरेश चंद्र दांगी सहित अन्य किसानों ने बताया कि बादल छाने और कोहरा पड़ने से जड़ गलन रोग लग गया। इसमें जड़े कमजोर हो गई और पौधे जमीन पर गिर गए। इससे उत्पादन में गिरावट आएगी।