कांतिलाल भूरिया 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा उम्मीदवार जीएस डामोर से हार गए थे। वहीं, 2018 के विधानसभा चुनाव में कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को भी जीएस डामोर ने हराया था। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ शुरू से ही कांतिलाल भूरिया को टिकट देने के पक्ष में थे। यही वजह है कि कांग्रेस के बगावत कर चुनाव लड़ चुके जेवियर मेड़ा को मनाने में सीएम कमलनाथ ने बड़ी भूमिका निभाई है। इसी समझाइश के बाद ही कांतिलाल भूरिया का नाम दिल्ली भेजा गया था जहां उनके नाम पर तत्काल मुहर लगा दी गई है।
बताया जा रहा है कि जेवियर मेड़ा भी दमदार उम्मीदवार थे, इसलिए पार्टी ने भूरिया को टिकट देने से पहले मेड़ा को मनाया। सूत्रों के मुताबिक वे इस आश्वासन पर पीछे हटे कि सरकार उन्हें महत्वपूर्ण निमग-मंडल कमें अध्यक्ष पद के साथ ही मंत्री का दर्जा देगी। अब मेड़ा चुनाव में भूरिया के लिए काम करेंगे।
इन मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी भाजपा
2018 के विधानसभा चुनाव में झाबुआ सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। भाजपा विधायक जीएस डामोर के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है। भाजपा एक बार फिर से यह सीट जीतना चाहेगी। भाजपा इस चुनाव में कांग्रेस सरकार के खिलाफ उपजी नाराजगी, बारिश में बर्बाद हुई फसलों और केन्द्र सरकार के 370 जैसे निर्णयों के दम पर चुनाव जीतने की तैयारी कर रही है।
झाबुआ विधानसभा सीट भाजपा विधायक जीएस डामोर के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जीएस डामोर ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
ये है चुनाव का पूरा कार्यक्रम
23 सितंबर से नाम निर्देशन की पत्र भरे जाएंगे। 30 तारीख को नामांकन जमा करने की अंतिम तारीख 1 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 3 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 21 अक्टूबर को मतदान होगा। 24 अक्टूबर को परिणाम घोषित होंगे।