ट्रेलर पवन नाडिया कहते हैं भगोरिया पर्व के लिए 300 से अधिक पैंट शर्ट की सिलाई के आर्डर हैं। उनके यहां के कर्मचारी दिन-रात काम में जुटे हैं। अभी तो सिर उठाने की भी फुर्सत नहीं है। वहीं पंकज टेलर ने बताया बीते कुछ सालों से आदिवासी युवा कपड़े सिलवाने आ रहे हैं। उसमें भी वे नई डिजाइन की पैंट शर्ट सिलवाने की मांग करते हैं। कुछ तो इसके लिए बकायदा नमूना लेकर आते हैं। आदिवासी युवा भगोरिया उत्सव के लिए कपड़ों पर दो से ₹3000 तक खर्च कर रहे हैं।इससे पता चल जाता है कि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। यह तो एक टेलर की बात है शहर में करीब 50 टेलर है और जिले का आंकड़ा सैकड़ो में जाता है।