झाबुआ वन परिक्षेत्र के ग्राम बोचका में तेंदुआ नजर आया था। उस वक्त तेंदुए के हमले में तीन ग्रामीण घायल हुए थे। जून 2023: झाबुआ से लगी हाथीपावा की पहाड़ी पर तेंदुआ देखा गया था। 21 मई-2023: झाबुआ के पास ग्राम डूंगरालालू में तेंदुआ पुलिया के नीचे घुस कर बैठ गया था। इस दौरान ग्रामीणों ने उस पर पत्थर बरसाए तो तेंदुआ आक्रामक हो गया और उसने पांच ग्रामीणों को घायल कर दिया। 12 दिसंबर 2023: थांदला वन परिक्षेत्र के ग्राम बांडीसेरा में तेंदुए ने 6 लोगों को घायल कर दिया था। इसके बाद तेंदुआ जंगल में भाग गया था। 13 फरवरी 2022: नल्दी के जंगल में एक तेंदुए की मौत हो गई थी। तेंदुआ कई घंटे भूखे प्यासे तार के फंदे में फंसा रहा था। इंदौर से रेस्क्यू टीम के झाबुआ पहुंचने में कई घंटे का वक्त लगा। स्थानीय स्तर पर रेस्क्यू के लिए कोई उपकरण नहीं होने से तेंदुए को बचाया नहीं जा सका। जिससे उसने दम तोड़ दिया था। जून 2021: पारा के पास खांड्याखाल और मातासुला में नदी के किनारे तेंदुआ दिखा था। उस वक्त तेंदुए के हमले में 5 लोग घायल हुए थे।वन विभाग की टीम रेस्क्यू के लिए गई तो वन कर्मी इरफान खान पर भी तेंदुए ने हमला कर दिया था। उन्हें 7 टांके आए थे। दिसंबर 2017: पेटलावद क्षेत्र में बाघ नजर आया था। इस दौरान प्रदेश स्तर तक का अमला अलर्ट हो गया था। हालांकि बाद में बाघ कहां लापता हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। मार्च 2016: लंबेला के जंगलों में तेंदुआ दिखाई दिया था। हमले में 6 लोग घायल हुए थे, जिसमें से एक की मौत हो गई थी।
&हमारे जिले में अधिकृत तौर पर 9 तेंदुए मिले हैं। वन और वन्य प्राणियों के लिहाज से यह अच्छी और सुखद खबर है। हमारे जिले में वनों का घनत्व बढऩे के साथ ही वन्य प्राणियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
एचएस ठाकुर, डीएफओ, झाबुआ