झाबुआ

यात्रियों से वसूला जा रहा मनमाना किराया, जिले भर में चल रही यात्री बसों में नहीं लगी किराया सूची

बस चालक परिचालक संघ का कहना है कि आरटीओ ने जारी ही नहीं की किराया सूची

झाबुआMar 11, 2024 / 07:01 pm

rishi jaiswal

यात्रियों से वसूला जा रहा मनमाना किराया, जिले भर में चल रही यात्री बसों में नहीं लगी किराया सूची

झाबुआ. आरटीओ की लापरवाही के कारण जिले में चल रही सभी बसों में यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। यात्रियों को मांगने पर भी टिकट नहीं दिया जा रहा। बसों में दिव्यांगजनों और महिलाओं के लिए रिजर्व सीट का नियम लागू नहीं है। आसपास के क्षेत्रों से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को भी किराए में रियायत नहीं दी जा रही। बस संचालकों की मनमानी को रोकने के लिए आरटीओ कोई ठोस कार्रवाई भी नहीं कर रहा।
दोगुना किराया देने के बावजूद भी यात्रियों की फजीयत

यात्रियों से दोगुना किराया देने के बावजूद अपमानित होना पड़ता है। बस मालिकों ने सुपर विजन के लिए एजेंटों को रखा है। जो यात्रियों को रंगदारी दिखा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि यहां ना यात्री बस का बीमा, परमिट, फिटनेस चेक किया जा रहा है, ना किराया सूची चस्पा है। अधिकांश बसों में आपातकालीन गेट, फर्स्ट एड बॉक्स, स्पीड गवर्नर और फायर किट भी नहीं है।
यात्रियों से 50% बढ़ोतरी कर किराया वसूली
मप्र में सन 2016, 2018 व 2021 में तीन बार किराया बढ़ाया गया। पहले 10 फिर 15 और 2021 में 25 प्रतिशत किराया बढ़ा है। लेकिन यात्रियों से 50 प्रतिशत बढ़ोतरी कर किराया वसूली की जा रही है। 20 अप्रैल 2021 को 25 प्रतिशत किराया बढ़ोतरी के साथ गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें पहले 5 किलोमीटर के 7 रुपए एवं उसके बाद प्रति किलोमीटर 1 रुपए 25 पैसे के हिसाब से किराया तय हुआ था, लेकिन जिले कि यात्री बसों में इससे उलट डेढ़ गुना किराया वसूला जा रहा है। बस में 15 किलोमीटर की यात्रा करने वाले से भी 25 से 30 रुपए किराया वसूला जा रहा है।
ज्यादा किराया लेने का विरोध करने पर बीच रास्ते उतार देते हैं

बस संचालकों द्वारा मनमानी वसूली और दोगुने किराए की शिकायत कई बार अधिकारियों , सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों को आम जनता द्वारा की गई है , लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते यात्रियों के साथ हो रही लूट मार बंद नहीं हुई है। अनिल कटारा, मनीष तिवारी, राकेश भूरिया, नौशाद बी ने बताया कि 2016 व 2018 में भी किराया बढ़ा था लेकिन तब से ही किराया सूची नहीं लगाई जा रही। इस कारण यात्रियों को बढ़े हुए किराए का ज्ञान नहीं है। यदि कोई ज्यादा किराया लेने का विरोध करता है तो उसे बीच रास्ते उतार दिया जाता है।
दिव्यांगों से भी पूरा किराया
आरटीओ द्वारा सत्यापित किराया सूची बसों में चस्पा नहीं होने के कारण बस मालिकों ने अपनी इच्छा अनुसार किराया वसूलना शुरू कर दिया है। इसका असर दिव्यांगों पर भी हो रहा है , दिव्यांगों से भी पूरा किराया वसूला जा रहा है। जबकि नियमानुसार उन्हें रियायत का प्रावधान है। आरटीओ विभाग दावे करता है कि किराया ज्यादा लेने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अभी तक अधिक किराया वसूली को लेकर जिले में कितनी बसों पर कार्रवाई की गई है इसका खुलासा नहीं किया।
मयंक राठौर, दिव्यांग यात्री
जिले में यातायात के संसाधनों की कमी

जिला यातायात के संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। बस और सवारी वाहन खचाखच सवारी भरकर सफर कर रहे हैं, यात्री भी जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है। बसों में जरूरत से ज्यादा सवारी बैठाई जाती है। आधी सवारी खड़े रहकर सफर करती है। दूर जाने वाली सवारी को जगह देने पहले से बैठे यात्रियों को भी उठा दिया जाता है। जिले भर में कई जगहों पर बसें नहीं जाती। वहां पहुंचने के लिए लोगों को सवारी वाहनों का उपयोग करना पड़ रहा है। यह सवारी वाहन क्षमता से अधिक सवारी बैठकर सफर करते हैं। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे, महिलाएं और पुरुष इन वाहनों के बाहर लटक कर सफर करते हैं।
– संगीता अलावा , यात्री

क्या कहते हैं नियम –

मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार परिवहन विभाग द्वारा सत्यापित किराया सूची प्रत्येक बस पर होना जरूरी है। इस सूची के आधार पर ही यात्रियों से किराया वसूली किया जा सकता है, झाबुआ जिले में चल रही सभी बसों में इन नियमों की अनदेखी की जा रही है।
कहां से कहां तक किलोमीटर उचित किराया किराया वसूली

झाबुआ से राणापुर 18 किमी 23 35
झाबुआ से जोबट 50 किमी 63 70
झाबुआ से आलीराजपुर 85 किमी 107 120
झाबुआ से रतलाम 100 किमी 115 130
झाबुआ से थांदला 32 किमी 41 50
झाबुआ से मेघनगर 16 किमी 21 25

झाबुआ से पारा 16 किमी 21 30
झाबुआ से पिटोल 16 किमी 21 30
झाबुआ से इंदौर 150 किमी 181 201
झाबुआ से धार 90 किमी 113 130
झाबुआ से राजगढ़ 45 किमी 63 70
झाबुआ से कुक्षी 85 किमी 107 120
झाबुआ से बड़वानी 120 किमी 150 160
इनका कहना –
बसों में किराया सूची होना अनिवार्य है। दूरी के हिसाब से किराया निर्धारित किया जाता है। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो में दिखवाता हूं ।

अखिलेश राय, यातायात प्रभारी, झाबुआ
हमने बसों में किराया सूची लगाई है
हमने बसों में किराया सूची लगाई है। कुछ में पहले से ही लगी थी, दोबारा भी लगाई है। जहां नहीं लगी है उस बस की जानकारी भेजिए हम वहां भी सूची लगा देंगे।
कृतिका मोहटा, जिला परिवहन अधिकारी, झाबुआ

जहां लगी वहां पढ़ने में नहीं आ रही
बसों में घुसते ही दरवाजे पर या सामने कांच में बड़े-बड़े अक्षरों में स्पष्ट किराया सूची लगाने का नियम है, अधिकांश बसों में किराया सूची नहीं है। जहां लगी है वहां पढ़ने में ही नहीं आ रही है।
सैयद सोनू अली , प्रदेश उपाध्यक्ष , चालक परिचालक संघ, एमपी

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