यह है मामला- मामला जौनपुर का है। यहां आरटीओ (Regional Transport Office) विभाग की हकीकत जानने के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट (एसडीएम सदर) हिमांशु नागपाल इसके दफ्तर पहुंचे। उनके साथ लेखपाल भी मौजूद था। वहां पर तैनात कर्मचारी से जब एसडीएम ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया पूछी, तो उसने दलाल के पास जाने के कहा। उन्होंने इसकी हकीकत को परखने के लिए बाहर बैठे दलाल की ओर रुख किया ही था, कि रास्ते भर में कई और दलाल उनका डीएल बनवाने की पेशकश करने लगे।
ये भी पढ़ें- RTO: वाहन स्वामियों की बढ़ी परेशानी, 64000 गाड़ियों का रेजिस्ट्रेशन होगा निरस्त, आदेश हुआ जारी फिर लिया यह एक्शन- यह सब देख एसडीएम आक्रोशित हो उठे। और पुलिसबल को बुलवा लिया। कार्यालय के सभी दरवाजे बंद करवा दिए और मौजूद लोगों से पूछताछ शुरू करवा दी। दलाल की पीछे के रास्ते से बच निकलने। लेकिन मौजूद कर्मचारियों की हालत खराब हो गई। मैजिस्ट्रेट ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार कराया। साथ ही एक वेंडर को हटाने के लिए डीएम को पत्र लिख दिया