मूल रूप से महराजगंज जिले के निवासी आईपीएस अजय साहनी को तब अधिक सुर्खियां मिलीं जब साल 2016 में सिद्धार्थनगर जिले में तैनाती के दौरान कुख्यात बावरिया गिरोह के कई सदस्यों को पुलिस ने सीधी मुठभेड़ में पकड़ा था। इस मुठभेड़ में जमकर गोलियां चली थीं और एक गोली अजय साहनी की जैकेट पर भी लगी थी, जिसमें वो बाल-बाल बचे थे।
इन जिलों में रहे तौनत, ये रही उपलब्धियां
आईपीएस अजय साहनी सिद्धार्थनगर के अलावा आज़मगढ़ में दो बार, बिजनौर, बाराबंकी, अलीगढ़ जिले में एसपी और मेरठ में एसएसपी रह चुके हैं। आजमगढ़ में डी-9 गैंग के सरगना और 50 हजार के इनामी बदमाश सुजीत सिंह उर्फ बुढ़वा को एनकाउंटर में मार गिराना भी इनकी उपलब्धि में शुमार है। पिछले साल इन्हें वीरता पुरस्कार भी मिला है। इसी साल जारी फेम इंडिया मैगजीन की ओर से देश के 50 सर्वश्रेष्ठ आईपीएस (Best IPS) में यूपी से छह आईपीएस का नाम चुना गया था। इसमें आईपीएस अजय साहनी भी शामिल हैं।
राजकरण नय्यर ने खुद जाने की जताई थी इच्छा
मौजूदा एसपी राजकरन नय्यर ने मल्हनी विधानसभा के उपचुनाव से ठीक पहले साल अगस्त में कार्यभार संभाला था। चर्चा है कि राजकरन नय्यर ने शासन को चिट्ठी लिख कर जिले से हटने की इच्छा जताई थी। उनकी चिट्ठी राजनीतिक गलियारों में ख़ूब सुर्खियां बटोरीं। बताया जाता है कि ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर उन पर राजनीतिक दबाव था।
नए एसपी के सामने होंगी ये चुनौतियां
सरकार के सामने जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख चुनाव निबटाने की प्राथमिकता है। इसको लेकर तैयारियां भी चल रही हैं। ऐसे में ठीक पहले शासन ने जौनपुर जिले में नए पुलिस अधीक्षक की तैनाती की है। अजय साहनी के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी राजनीतिक दबाव को दरकिनार करते हुए ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव कराना। इसके अलावा पिछले 1 महीने से सुर्खियों में रहे अवैध शराब कारोबार पर भी नकेल कसना बड़ी चुनौती होगी।
By Javed Ahmad