मजाक भी करती है, गुस्सा भी आता है
रोबो शालू किसी आम रोबोट से बिल्कुल अलग है। इसकी प्राेग्रामिंग कुछ इस तरीके से की गई है कि यह कई तरह के मानवीय व्यवहार करने में सक्षम है। यह मजाक कर सकती है तो इसे गुस्सा भी आता है और खुशी जलन का इजहार भी करती है। समाचार, दैनिक राशिफल पढ़ती है, किसी भी पकवान की रेसिपी बता सकती है। सवाल जवाब और साक्षात्कार करने में भी ये सक्षम है। शिक्षक दिनेश पटेल का दावा है कि रोबो शालू न सिर्फ चेहरा पहचान सकती है बल्कि एक बार मिलने पर याद रखती है। उनके मुताबिक सामान्य चीजों को पहचानने के साथ ही जनरल नाॅलेज, मैथ जैसे सब्जेक्ट के प्रश्नों के उत्तर दे सकती है। इसका उपयोग किसी स्कूल में शिक्षक के रूप में और ऑफिसेज में रिसेप्शनिस्ट के रूप में किया जा सकता है।
आपकी भाषा में कर सकती है बात
अगर आप रोबोट शालू से मिलेंगे तो वो आपसे आपकी ही भाषा में बात करेगी। दिनेश पटेल के मुताबिक उन्होंने इसकी पूरी प्रोग्रामिंग कुछ इस तरह की है कि यह कई भाषाओं में बात कर सकती है। उनका दावा है कि यह भारत में तैयार पहला मानवीय रोबोट है जो ऐसा करने में सक्षम है। शालू न सिर्फ हिंदी बल्कि भाोजपुरी, उर्दू, मराठी, बंगाली, गुजराती, तमिल, मलयालम के अलावा नेपाली, अंग्रेजी जर्मन और जापानी समेत 28 विदेशी भाषाओं में बातचीत कर सकती है।
बनाने में लगे तीन साल
दिनेश पटेल के मुताबिक उन्होंने रोबोट फिल्म देखी तो वह उससे काफी प्रभावित हुए। इसके बाद हांगकांग की रोबोटिक्स कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की रोबोट ‘सोफिया’ देखकर उन्हें ‘शालू’ को बनाने की पेरणा मिली। उन्होंने इसे बनाने की ठानी और 2017 में इसके लिये कोशिशें शुरू कीं। पर एक ह्यूमनाॅयड रोबोट बनाने में काफी लागत आती है। ऐसे में संसाधन की समस्या यहां भी आयी। पर शिक्षक दिनेश ने फैसला किया कि वो साधारण और आसपास मौजूद सामानों का इस्तेमाल करेंगे। प्लास्टिक, लकड़ी, गत्ता और एल्यूमीनियम का इस्तेमाल कर रोबोट शालू तैयार किया।