गांव के छात्रों के अफसर बनने का सफर साल 1914 में शुरू हुआ था। तब माधोपट्टी के रहने वाले मुस्तफा हुसैन ने पहला पद हासिल किया था। लेकिन ये गांव चर्चा में तब आया जब माधोपट्टी ने देश को कुल 47 अफसर दिए।
इतना ही नहीं इस गांव के युवा लड़के-लड़कियां भाभा एटामिक सेंटर, इसरो, और वर्ल्ड बैंक जैसे आर्गेनाईजेशन में भी हैं।
एक ही परिवार से निकले 5 IAS
एक ही परिवार से 5 IAS बनने का रिकॉर्ड भी इसी गांव के नाम है। माधोपट्टी गांव में ही एक परिवार ऐसा है जहां के चार भाइयों ने IAS परीक्षा पास करके रिकॉर्ड बनाया था। साल 1955 में परिवार के बड़े बेटे विनय सिंह ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की थी।
भाई छत्रपाल सिंह और अजय कुमार सिंह भी 1964 में आईएएस बने थे। फिर 1968 में सबसे छोटे भाई शशिकांत सिंह ने UPSC की परीक्षा पास की थी। पांचवां आईएएस भी इसी परिवार से मिला साल 2002 में। शशिकांत के बेटे यशस्वी ने UPSC परीक्षा में 31वीं रैंक हासिल की।