इस गाइडलाइन का पालन करना मुश्किल काम है। हालांकि दुकानें हाईस्कूल में लगनी शुरू हो गई है, जहां गाइडलाइन का पूरा पालन होता नजर नहीं आ रहा है। दिवाली पर्व शुरू होने में अब 1 दिन ही शेष है। एक तरफ लोगों ने घरों की साफ-सफाई के साथ कपड़ों की खरीदारी शुरू कर दी है। इसी बीच प्रशासन ने अस्थाई पटाखा लाइसेंसधारी कारोबारियों से निविदा मंगाई थी।
शहर के हाईस्कूल मैदान में अस्थायी पटाखा दुकान लगाई जा रही है। जिसके लिए 50 से अधिक कारोबारियों ने पहले अस्थायी पटाखा दुकान के लाइसेंस लिया था। साथ ही कई कारोबारियों ने दूसरे से लाइसेंस उधार लेकर दुकान लगाने के लिए लिए थे, लेकिन इस बार नई गाइडलाइन के चक्कर में 43 कारोबारियों ने अस्थायी दुकान लगाने की अनुमति प्राप्त की।
इस बार भी नगरपालिका द्वारा खाली मैदान में अस्थायी पटाखा दुकान लगाने का निर्णय लिया है। खुले इलाके में दुकानें लगाने की इजाजत दी गई है, ताकि कोई अप्रिय घटना को होने से रोका जा सके। पालिका की तरफ से अस्थायी पटाखा बाजार में सफाई, पेयजल, शौचालय जैसी सुविधाएं दी जाएगी। इसके लिए 2500 रुपए का शुल्क सभी दुकानदारों से लिया गया है।
जिन पटाखा व्यवसायियों का लाइसेंस नवीनीकरण हो गया है, वे पटाखा व्यवसायी अस्थायी पटाखा दुकान लगाने के लिए निर्धारित जगह में लगाएंगे। पटाखा दुकानें लगाने का काम शुरू हो गया है। गुरूवार तक लगभग सभी पटाखा दुकानें सज जाएंगी।इस बार नया गाइडलाइन व पिछले बार से ज्यादा खर्च होने के कारण कई व्यापारी रूचि नहीं दिखा रहे हैं। अस्थायी पटाखा व्यापारी संघ द्वारा प्रत्येक दुकान से 8100 रुपए लिए गए हैं।
दुकानों में कपड़ा, बांस, रस्सी का प्रयोग करने पर सख्त मनाही जिला अग्निशमन अधिकारी एवं जिला सेनानी नगर सेना योग्यता साहू के मुताबिक पटाखा दुकान किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे कपड़ा, बांस, रस्सी, टेन्ट इत्यादी का न होकर, अज्वलनशील सामग्री से बने टिन शेड द्वारा निर्मित होना चाहिए। पटाखा दुकान एक-दूसरे से कम से कम 3 मीटर की दूरी पर एवं एक-दूसरे के सामने न बनाई जाए। पटाखा दुकानों में प्रकाश की व्यवस्था के लिए किसी भी प्रकार के तेल का लैम्प, गैस लेम्प एवं खुली बिजली बत्ती का प्रयोग प्रतिबंधित होना चाहिए।
इन नियमों का करना होगा पालन गाइडलाइन के अनुसार 200 लीटर क्षमता के पानी के ड्रम की व्यवस्था बाल्टियों के साथ होनी चाहिए। प्रत्येक पटाखा दुकानों में 5 किलो ग्राम क्षमता का डीसीपी अग्निशमक यंत्र होना चाहिए। इसकी मारक क्षमता 6 फीट की होती है। पटाखा दुकानों के सामने बाइक, कार की पार्किंग प्रतिबंधित होना चाहिए। अग्निशमन विभाग एवं एम्बुलेंस का फोन नंबर दुकान परिसर के कुछ स्थानों में लगाया जाए। अग्निशमन वाहन को उपलब्धता के अनुसार शाम 7 से रात 10 बजे (रस ऑवर) के समय स्टैण्ड बाई ड्यूटी के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है।