बैंक भवन के बाहर खुले में किसान भूखे प्यासे लाईन में खडे होकर अपने पारी का इंतजार कर रहे हैं। एक तरफ सरकार जिले को सबसे ज्यादा बोनस राशि देने का ढिंढोरा पिट रही है। वहीं उनकी परेशानी से किसी को लेना-देना नहीं है। जो बैंक भवन है वह भी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत संचालित है जहां तीन सोसायटी के हजारों किसान अपनी खून पसीने की कमाई का पैसा लेने पहुँचते है।
इससे पहले भी बैंक मे नहीं था कैश-प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह ने सोमवार को हाईस्कूल मैदान में जांजगीर जिले के एक लाख 26 हजार किसानों को बोनस तिहार के जनिरए बोनस की सौगात दी है। जिसे पाने के लिए जिले भर के 25 हजार किसान उम्मीदों के साथ जांजगीर के हाईस्कूल मैदान पहुंचे थे।
उन्हें यह उम्मीद थी कि आज मुख्यमंत्री घोषणा करेंगे और कल से हमारे खाते में बोनस की राशि आ जाएगी, लेकिन किसानों की उम्मीद में पानी तब फि गया था। जब उन्होंने मंगलवार को अपना खाता चेक किया। खाते में अब तब वही अमाउंट है जो पहले थी। यानी सरकार ने किसानों के खाते में अब तक राशि नहीं डाली है। मंगलवार को जांजगीर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में किसानों की लंबी कतार लगी थी।
सैकड़ों किसान एकबारगी बोनस लेने टूट पड़े, लेकिन बैंक प्रबंधन ने सुबह से यही यह सूची चस्पा कर दी कि किसानों के खाते में अभी बोनस की राशि पूरी तरह नहीं आई है। बोनस देने अभी उन्हें इंतजार करना पड़ेगा। हद तो तब हो गई जब बैंकों के बाहर कई नए-नए नियमों की सूची चिपका दी गई।
किसानों को अपने अकाउंट की राशि निकालने के लिए ही आधार कार्ड लाना पड़ेगा, बैंक पासबुक लाने के अलावा कई तरह के पेंच आड़े आ रही है, जबकि किसानों को उनके हक की, खून पसीने की कमाई की राशि आसानी से दे देना चाहिए। इतना ही नहीं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अब एक-एक गांव के किसानों को बोनस देने के लिए दिन, तिथि निर्धारित करते जा रही है।
प्रत्येक गांव के किसानों के लिए दिन निर्धारित किया जा रहा है। जिस दिन बोनस देने की बात कही जा रही है उसी दिन उन किसानों को बैंक में लाइन लगाना होगा। बाकी दिन किसानों को उनके हक की राशि के लिए वंचित होना पड़ेगा।