इसका सीधा असर विभाग की राजस्व आय पर पड़ रहा है। हालांकि सामने नवरात्रि और दिवाली का पर्व है। जिसमें प्रॉपर्टी बाजार में उछाल आने की उम्मीद जताई जा रही है। शहर के बिल्डर्स के मुताबिक अभी से लोग घर-प्लॉट तो देखने आ रहे हैं और बुकिंग भी करा रहे हैं पर ज्यादातर लोग रजिस्ट्री पितृपक्ष निकल जाने के बाद नवरात्रि और दशहरा पर्व के दौरान ही कराने की बात कह रहे हैं। इधर प्रॉपर्टी बाजार में मंदी और रजिस्ट्री दफ्तरों में जमीन रजिस्ट्री कम होने से असर विभाग के लक्ष्य पर पड़ रहा है। वैसे भी पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में विभाग 2 करोड़ 63 लाख रुपए के राजस्व घाटे में चल रहा है।
इस वर्ष 2.63 करोड़ की कम हुई आय….
उप पंजीयक कार्यालय जांजगीर-चांपा के मुताबिक, जांजगीर-चांपा और सक्ती जिला मिलाकर विभाग को चालू वित्तीय वर्ष में कुल 100 करोड़ रुपए का लक्ष्य मिला है। जिसमें आधा वित्तीय वर्ष बीत चुका है और इस अवधि (अप्रैल से सितंबर 23 तक) में 38 करोड़ 31 लाख 63907 रुपए की आय हुई है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष इसी अवधि में 40 करोड़ 95 लाख 17643 रुपए की आय हुई थी। इस तरह विभाग को 2 करोड़ 63 लाख रुपए की आय कम हुई है। छह माह में नियमानुसार 50 प्रतिशत लक्ष्य हासिल हो जाना था जो 40 प्रतिशत ही हुआ है। अब शेष बचे छह माह (अक्टूबर से मार्च 2024 तक) में 60 फीसदी खरीदी-बिक्री होने पर ही लक्ष्य की पूर्ति होगी।
जांजगीर, चांपा और सक्ती में ज्यादा खरीदी-बिक्री हालांकि गत वर्ष और चालू वित्तीय वर्ष के आंकड़े देखे तो भले ही विभाग 2 करोड़ 63 लाख रुपए पीछे चल रहा है मगर जांजगीर, चांपा, सक्ती और डभरा में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल ज्यादा जमीन रजिस्ट्री हुई है। सक्ती में 132, जांजगीर में 123, चांपा में 49 और डभरा पंजीयन दफ्तर में 75 रजिस्ट्री ज्यादा हुई है। बाकी पामगढ़, मालखरौदा, जैजैपुर, नवागढ़, अकलतरा पिछले साल की तुलना में पीछे चल रहे हैं।
&विभाग को 100 करोड़ का वार्षिक लक्ष्य मिला है। अप्रैल से सितंबर तक की स्थिति में आय का 40 फीसदी लक्ष्य हासिल कर चुके हैं। हालांकि यह पिछले वर्ष की तुलना में साढ़े 6 फीसदी कम है। पितृपक्ष के दौरान आमतौर पर कम ही रजिस्ट्री होती है। आगे फेस्टिवल सीजन है जिसमें काफी हद तक लक्ष्य पूर्ति होने की उम्मीद है।
चित्रसेन पटेल, उप पंजीयक जांजगीर-चांपा