दरअसल, शनिवार को सुबह एक मितानिन गर्भवती महिला को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटमीसोनार पहुंची। उस समय स्वास्थ केंद्र में कोई कर्मचारी नहीं था और मेन गेट में ताला लटका था। दर्द से तड़पती महिला को वहीं अस्पताल किनारे रोककर परिजन इधर-उधर भटकते रहे। अस्पताल के बगल से लगा आरएचओ विजयलक्ष्मी शर्मा का क्र्वाटर है। ऐसे में महिला के परिजन आरएचओ के पास भी पहुंचे और इलाज करने की गुहार लगाई। परन्तु आरएचओ ने ड्यूटी टाइम नहीं होने की बात कहते हुए उन्हें दूसरे स्टाफ नर्स के पास जाने की सलाह दे डाली। ऐसे में ड्यूटी में रहने वाली स्टाफ नर्स को परिजन घंटों तक फोन करते रहे मगर फोन रिसीव नहीं हुआ। महिला के परिजनों ने फिर स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ऋतु सूर्यवंशी के क्र्वाटर पर जाकर गेट खटखटाया तो वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला। इधर गर्भवती महिला सड़क किनारे बैठी घंटों दर्द से कराहते रही। बाद में महिला को अकलतरा रेफर कर दिया गया।
दातुन तोडऩे गए ग्रामीण पर भालू ने किया हमला, चार दिन में तीसरी घटना से दहशत में ग्रामीण शिकायत पर धमकी
स्वास्थ्य केंद्र में कोई मरीज यदि शिकायत करने की बात करते हंै तो स्टाफ द्वारा इलाज नहीं करने की धमकी दी जाती है।
जिससे कारण परिजन शिकायत भी नहीं कर रहे। बताया जा रहा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटमी सोनार के प्रभारी डॉ. ऋतु सूर्यवंशी व आरएचओ, स्टाफ नर्स से आपसी तालमेल नहीं होने के चलते इसका खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा कई बार की जा चुकी है। इसके बाद भी यह स्थिति नहीं सुधर पाई है।
-परिजन द्वारा फोन करने पर तुरंत आकर मैंने गर्भवती महिला की जांच की थी। स्थिति को देखते हुए अकलतरा रिफर किया गया। रोशनी सोनवानी, स्टाफ नर्स