यह भी पढ़ें :
CG Assembly Election 2023 : लोकतंत्र के महापर्व में दी अपने जवान बेटों की आहुति, पर मतदान करना कभी नहीं भूले गौरतलब है कि वर्ष 2018 के विस चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनने पर किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की थी। सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों की कर्जमाफी भी की गई थी। जिससे कर्ज लिए किसानों के करोड़ों रुपए माफ हो गए थे। यह साल भी चुनावी है। इसको लेकर एक बार किसानों को लग रहा है कि शायद इस बार भी सरकार कर्जमाफी की सौगात किसानों को दे सकती है। हालांकि इस तरह की कोई घोषणा या वादा सरकार के ओर से नहीं हुई है लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में किसानों ने कर्ज लिया है।
यह भी पढ़ें :
इस देवी मंदिर में पहुंचने पर चार बार झुकेगा आपका शीश पिछले खरीफ सीजन 150 करोड़ का बांटा गया था कर्ज बता दें, खेती-किसानी के लिए किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को कर्ज मिलता है। सोसायटी में धान बेचते ही किसानों के खाते से यह राशि काट ली जाती है। इस तरह लिकिंग से किसानों को दिए गए कर्ज की वसूली बैंकों के जरिए हो जाती है। पिछले खरीफ सीजन जिला सहकारी बैंकों के जरिए 150 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया था और 150 करोड़ रुपए का ही कर्ज बंटा था। इस साल लक्ष्य से ज्यादा किसानों ने डिमांड की थी। इस तरह 20 करोड़ अतिरिक्त कर्ज किसानों को दिया गया।