भोपाल निवासी पूंजलाल निनामा इस ट्रेन में सफर कर रहे हैं। जब उनसे किसी के माध्यम से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि ट्रेन सोमवार सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर जैसे ही सारागांव स्टेशन से पहले यार्ड के पास पहुंची उसमें तेज झटका लगा। इससे बोगी बैठे कुछ यात्रियों को मामूली चोट भी आई। उनका कहना है कि ट्रेन की बोगी नंबर एस-7 और एस-8 पटरी से उतरी, लेकिन चांपा जीआरपी ने इस महज अफवाह बताया है।
टूटे हुए कपलिंग को रायगढ़ में उतारा
सारागांव रेलवे स्टेशन पर करीब एक घंटे मुंबई हावड़ा डुप्लीकेट गीताजंलि एक्सप्रेस को रोकने के बाद उसे 11.05 में रायगढ़ की ओर रवाना किया गया। जिसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली। ट्रेन को कुछ देर के लिए रायगढ़ भी रोका गया था। जहां कैरेज एंड वैगन विभाग द्वारा टूटे हुए कपलिंग को ट्रेन से उतारा गया। संरक्षा के दुष्टिकोण से इस एक बड़ी घटना का नाम दिया जा रहा है।
मेंटनेंस का अभाव की चर्चा
रेलवे के जानकारों की माने तो ट्रेन के छूटने वाले स्टेशन से उसकी पूरी जांंच होती है। कोचिंग डिपो में उसके एक्सल, कपलिंग के अलावा अन्य जांच की जाती है। उसके बाद ही ट्रेन को रवाना किया जांता है। उसके बावजूद यह घटना हुई, वो भी स्लीपर कोच में। जिसका भार क्षमता एक समान्य औसत मेंं रहती है। जबकि मालवाहक ट्रेनों में लोडिंग सामान के अनुसार उसके वजन मे उतार चढ़ाव होते रहता है।
सारागांव के पास कपलिंग निकल जाने से ट्रेन की बोगी अलग हो गई थी. बाद में उसे फिर से जोड़कर रवाना किया गया है।
-जीपी राठौर, प्रभारी, जीआरपी थाना चांपा