किसानों को नियमानुसार इसके लिए दस्तावेजों और फोटोग्राफ्स के साथ कृषि विभाग में आवेदन जमा करना होता है। वेरिफिकेशन के बाद किसानों को सब्सिडी मिलती है। कृषि विभाग की माने तो अब तक योजना के तहत करीब ओबीसी और सामान्य वर्ग के 42 किसानों के (cg news) द्वारा सब्सिडी के लिए आवेदन किया गया है जिन्हें सब्सिडी का वितरण करना शेष है।
41 हजार रुपए तक मिलती है सब्सिडी योजना के तहत किसानों को अलग-अलग कैटगिरी के तहत सब्सिडी मिलती है। इनमें एससी और एसटी वर्ग के किसानों को 41 हजार रुपए, ओबीसी वर्ग के किसानों को 35 हजार रुपए और सामान्य वर्ग के किसानों को 25 हजार रुपए तक अधिकतम सब्सिडी मिलती है। यानी किसानों को लगभग 45 से 50 फीसदी तक सब्सिडी मिल जाती है। क्योंकि बोर खनन और पंप विस्थापन में करीब 75 से 80 हजार रुपए तक खर्च हो जाते हैं। ऐसे में आधी राशि सब्सिडी के रुप में मिलने से किसानों को राहत मिल जाती है।
बताया जा रहा है कि एससी और एसटी वर्ग के किसानों को तो सब्सिडी की राशि मिल रही है लेकिन ओबीसी और सामान्य वर्ग के लिए सब्सिडी फंड के अभाव में नहीं मिल पा रही है। सब्सिडी के लिए किसानों को विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। किसान समृद्धि योजना के तहत नलकूप खनन और बोर पंप लगाने वाले किसानों को योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी का इंतजार (PM Kisan Yojana) करना पड़ रहा है। लगभग डेढ़ साल से किसानों को सब्सिडी का इंतजार है। कृषि विभाग की माने तो फंड की समस्या के चलते सब्सिडी वितरण में देरी हो रही है।
किसान समृद्धि योजना के तहत किसानों को बोर खनन और पंप विस्थापन के लिए विभाग की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाती है। फंड आने पर किसानों को सब्सिडी नियमानुसार जारी होती है। फंड आते ही सभी किसानों को सब्सिडी जारी की जाएगी।
– एमडी मानकर, डीडीए कृषि जांजगीर-चांपा