जिले में वर्तमान में उपार्जन केन्द्रों में 17 लाख क्विंटल से अधिक धान खुले आसमान में पड़ा हुआ है। परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से फेल साबित हो गई। अगर परिवहन हो जाता तो ज्यादा नुकसान नहीं होता। कई केन्द्रों में पानी भर गया है। ऐसे में खरीदी बंद करने की नौबत आ गई है।
Dhan Kharidi: धान खरीदी हो सकती है प्रभावित
जिले के 129 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की शुरूआत 14 नवंबर शुरू की गई। शुरूआत में आवक कम होने से परेशानी नहीं हो रही थी। अब तीव्र गति से चल रही है। अभी तक 28 लाख क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। मात्र 11 लाख क्विंटल धान का ही परिवहन किया गया है। अभी भी साढ़े 17 लाख क्विंटल का
धान उपार्जन केंद्रों में है। हर समिति में लगभग जाम की स्थिति बन गई है।
खरीदी केन्द्रों में कैप कवर की व्यवस्था भी है, लेकिन उदासीन रवैया होने के कारण समितियों में धान की छल्लियों को ढंका नहीं गया। प्रदेश व जिले में पिछले 3.4 दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। शनिवार शाम को अचानक मौसम बदला, फिर तेज बारिश शुरू हो गई।
इसके बाद रूक-रूककर रात भर तक बारिश हुई।
बारिश से सोसायटियों के
धान भीग गए हैं। कई सोसायटी में पानी जमा भी हो गया है, ऐसे में धान खरीदी बंद करने की नौबत आ गई। उठाव की रफ्तार धीमी होने से सोसायटियों में खरीदी बंद करने की भी नौबत आन पड़ी है। खरीदी प्रभारियों ने प्रशासन को स्थिति से अवगत करा दिया है। प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि जाम की स्थिति से निपटने पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
जिले में कई खरीदी केन्द्रों में उठाव के लिए वाहन लगे होने से भीगने की बात कही जा रही है। इससे मिलर्स को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। धान में नमी आने की बात कही जा रही है। इसके अलावा जिला मुख्यालय के आसपास खरीदी केन्द्रों गौद, खोखरा, बोड़सा, मुनुंद व अन्य खरीदी केन्द्रों में पानी भर गया है। यहां नुकसान होने की बात कही जा रही है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अभी फिलहाल नुकसान नहीं हुआ है।