पुलिस के अनुसार बाराद्वार थाना अंतर्गत दुरपा निवासी योगेश राठौर द्वासरा एक अखबार में 30 जून को वर्क फ्रॉम होम फुल टाइम, पार्ट टाइम जॉब के विज्ञापन में जारी निर्देशों और फोन नंबर में संपर्क किया। व्हाट्सएप के जरिए आवेदक ने नौकरी के लिए अपना दस्तावेज भेजा था। इस दौरान रजिस्ट्रेशन फीस, आईडी प्रूफ मेकिंग फीस आदि के नाम पर फोन-पे, ऑनलाइन माध्यम से प्रार्थी से 10 बार में 1 लाख 86 हजार 481 रुपए मांग कर
ठगी की गई थी। थाना बाराद्वार में धारा 420, अलग से 120 (ठ), 201, 66 आईटी एक्ट जोड़कर विवेचना की जा रही थी। इस दौरान विभिन्न नंबरों से प्रार्थी को पैसे भेजने का दबाव बना कर फोन किया जा रहा था।
इस प्रकरण का संज्ञान स्वयं पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा द्वारा लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एसडीओपी को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई। थाना बाराद्वार तथा साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई। साइबर साक्ष्य के आधार पर टीम रांची (झारखंड) रवाना हुई थी। जहां टीम द्वारा ठगी में प्रयुक्त मोबाइल धारक दीपू पिता अविनाश प्रसाद निवासी फतेहपुर नवादा को हिरासत में लेकर पूछताछ तलाशी ली गई। जिसने पूछताछ में अपराध करना स्वीकार किया। तलाशी पर आरोपी के पास से एक बेग घटना में प्रयुक्त मोबाइल अन्य मोबाइल 9 नग, 2 नग चेक बुक, 4 नग ग्राहक रजिस्टर और नगदी 1 लाख 2 हजार रुपए मिला, जिसे जब्त किया गया है। इस दौरान दीपू कुमार के अन्य साथी घटना में शामिल थे। जो मौके से फरार हो गया। जिसकी तलाशी पुलिस द्वारा की रही हैं।
1125 लोगों का व करोड़ रुपए का मिला विवरण
आरोपी मुख्यत: हिन्दी भाषी प्रदेश महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवकों को ठगने का काम करते थे। प्राप्त रजिस्टर के विवरण से कुल 1125 लोगों का नाम और नंबर करोड़ों रुपए का विवरण मिला है। बैंक खाते डिटेल और आरोपी की संपत्ति के संबंध में विवेचना शेष है। आगे की कार्रवाई जारी है।