2004 में करुणा शुक्ला और 2009 और 2014 में कमला देवी पाटले यहां से सांसद बनी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने गुहाराम अजगल्ले को टिकट दिया और उन्होंने भी जीत हासिल की। इस बार पार्टी ने उन्हें दोबारा मौका देने के बजाए एकदम नए चेहरे पर दांव लगाया है और महिला प्रत्याशी कमलेश जांगड़े को मैदान में उतारा है।
वहीं कांग्रेस ने इस बार छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री रहे डॉ. शिवकुमार डहरिया को जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट पर भाग्य आजमाने भेजा है। ऐसे में इस सीट पर कांटे की टक्कर रहने वाली स्थिति नजर आ रही है। 2004 से पहले यह (Election 2024) सीट कांग्रेस की थी और लगातार जीतती आ रही थी। इसके बाद यह सीट एससी वर्ग के लिए रिजर्व हो गई। प्रदेश के 11 सीटों में यही एकमात्र एससी वर्ग के लिए रिजर्व सीट है।
Chhattisgarh Election 2024: जांजगीर-लोकसभा चुनाव में इस बार आठ विधानसभा के 20 लाख वोटर्स सांसद चुनने के लिए वोट डालेंगे। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां से अच्छी बढ़त मिली है। आठों विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस ने एकतरफा लीड हासिल की। ऐसे में कांग्रेस यहां मजबूत नजर आ रही है। हालांकि क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं के लगातार भाजपा में शामिल होने की आ रही खबरें जरूर यहां फिर कांग्रेस के लिए चिंता की सबब है।