महिलाएं कुछ देर मुख्य मार्ग पर जमीं रहीं, जिससे रास्ता अवरुद्ध रहा। महिलाओं ने पानी की मांग को लेकर आक्रोश स्वरूप मटके फोड़े। महिलाओं का कहना था कि
जालोर में एक तरफ पानी का संकट गहरा रहा है। दूसरी तरफ जवाई बांध से पानी नहीं मिलने से कुएं सूख चुके हैं। सरकार इस मामले में नकारात्मक है, यही कारण है कि 17 दिन गुजरने के बाद आज भी इस मामले में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। महिलाओं ने कलक्ट्रेट परिसर में जालोर विधायक और मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित और गृह मंत्री भारत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी।
पंडाल में ही भोजन किया
किसान आंदोलन में यह पहला मौका है जब इतनी अधिक संख्या में नारी शक्ति जुटी। इस दौरान महिलाओं और किसानों के लिए पांडाल के पास ही भोजन बनाया गया। महिलाओं ने यहीं पर कतार में बैठकर भोजन ग्रहण किया।