जूती कलस्टर योजना के लिए जसवंतपुरा रोड पर जिला कलक्टर ने 14—15 साल पूर्व करीब 3 बीघा जमीन का आवंटन किया था। इस जमीन पर कलस्टर योजना के लिए भवन व अन्य निर्माण किया जाना था। आंवटन के समय 6 माह के भीतर कब्जा लेकर निर्माण शुरू करना था, लेकिन जमीन पर कोई निर्माण नहीं हो पाया।
उद्योग विभाग ने जूती कलस्टर को मूर्तरूप देने की जिम्मेदारी एनजीओ को दी थी। एनजीओ ने भीनमाल का सर्वे भी किया। सर्वे के अलावा एनजीओ ने कोई कार्य नहीं किया। एनजीओ ने बिना कार्य किए बजट भी डकार लिया। 15 साल से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी उद्योग विभाग एनजीओ से वसूली नहीं कर पाया।
राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2008—09 में भीनमाल की जूतियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतारने के लिए कलस्टर योजना तैयार की। सरकार ने इसके लिए 25 लाख रुपए का बजट भी स्वीकृत किया। कलस्टर योजना के तहत निर्माण कार्य की जिम्मेदारी जयपुर के एक एनजीओ बिल एंड वे डवलपमेंट इंस्टीट्यूट को दी थी। एनजीओ ने केवल सर्वे किया और पूरा बजट डकार गया।
जूती कलस्टर योजना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। योजना में खर्च बजट का लेखा-जोखा नहीं पेश किया होगा, इसके लिए ऑडिट पैरा चल रहा है। इतने समय बाद एनजीओ की जानकारी जुटाना मुश्किल है।
– संग्रामाराम देवासी, जिला उद्योग अधिकारी, जालोर