9 एमसीएफटी पानी उपयोग आ रहा
जवाई बांध के पानी पर कृषि क्षेत्र की निर्भरता तो जालोर और पाली जिले को समान रूप है। जबकि पेयजल स्कीस की बात करें तो इसका पानी पेयजल के लिए पाली जिले में होता है। कुल 10 शहर और 780 गांवों के लिए 9 एमसीएफटी पानी रोजाना पानी उपभोग हो रहा है। इस प्रोजेक्ट में सुमेरपुर के 33 गांव कस्बे शामिल हैं।जालोर की नजर क्यों
जवाई बांध के पानी पर जालोर के हक निर्धारण की बात चल रही है। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। जनहित याचिका पर रिपोर्ट मांगी गई है। इस पूरे मसले में अहम यह भी है कि बांध का पानी जवाई नदी प्रवाह क्षेत्र में नहीं छोड़ने से जालोर का कृषि क्षेत्र पूरी तरह से नष्ट होने के कगार पर है। इसलिए जवाई बांध के पानी पर जालोर के बड़े क्षेत्र की निर्भरता है।इन सालों में भारी बारिश के दौरान खुले जवाई के गेट
जवाई बांध के गेट भारी बारिश के बाद पानी की अचानक आवक के दौरान ही खुले हैं। पिछले साल भी गेट के ऊपर से पानी बह रहा था और उसके बाद अचानक पानी की आवक पर गेट खोले गए। जवाई के इतिहास की बात करें तो वर्ष 1973, 1990, 1992, 1993, 1994, 2006, 2006, 2007 और 2023 में जवाई के गेट खुले।फैक्ट फाइल
● 7327.50 एमसीएफटी जवाई बांध की कुल भराव क्षमता● 495.50 एमसीएफटी डेड स्टोरेज बांध में
● 2300 एमसीएफटी पानी की आवक सेई से होती है
● 90 दिन का पानी पेयजल स्कीम के लिए मौजूद
● 38 हजार हैक्टेयर क्षेत्र पाली और जालोर जिले का कृषि क्षेत्र जवाई पर निर्भर
● 12 हजार हैक्टेयर जवाई कमांड क्षेत्र आहोर का लाभान्वित होता हैॉ
- अशोक पूनिया, जेईएन, जवाई बांध