बार एसोसिएशन सांचोर ने की हड़ताल की घोषणा
क्योंकि, बार एसोसिएशन सांचोर ने एक दिन हड़ताल की घोषणा की है। बार एसोसिएशन सांचोर ने घोषणा करते हुए कहा कि, “भाजपा प्रदेशाध्यक्ष द्वारा सांचोर जिले को निरस्त करने के दिए बयान के विरोधस्वरूप एवं सांचोर को जिला यथावत रखने की मांग को लेकर आज दिनांक 09 सितंबर 2024 को एक दिन के लिए बार एसोसिएशन सांचोर के समस्त अधिवक्तागण स्वैच्छिक रुप से व्यक्तिशः/वर्चुअल उपस्थिति नहीं देंगे तथा एक दिन के लिए हड़ताल पर रहेंगे।” मदन राठौड़ ने दिया था ये बयान
दरअसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भीलवाड़ा दौरे के दौरान कहा था कि, “कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक लाभ लेने के आनन-फानन में कई गलत जिले बना दिए। एक-एक विधानसभा के जिले बना दिए गए। कभी कोई सरकार इस तरह से सिर्फ एक विधानसभा का जिला कैसे बना सकती है? जिले बनाते वक्त न क्षेत्र देखा और न आबादी का आंकलन किया। ऐसे कई जिले बना दिए, जो सिर्फ तुष्टीकरण करने के लिए बनाए गए हैं, हम इन्हें हटाएंगे।”
उन्होंने दूदू, केकड़ी और सांचौर का उदाहरण देते हुए कहा कि, आप ही बताइए यह किस तरह से वाजिब है। उन्होंने कहा कि कि कमेटी द्वारा इसका अध्ययन किया है। कई जिलों की मांग वाजिब है। लेकिन जिनकी मांग नहीं है, उन्हें हम हटाएंगे। ऐसे 6-7 जिले हैं, जिन्हें हम समाप्त करेंगे। सरकार की ओर से अब उन्हीं जिलों को रखा जाएगा।
सुखराम विश्नोई ने दी ये चेतावनी
वहीं, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के बयान के बाद अब कांग्रेस नेताओं के पलटवार सामने आ रहे है। पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सांचोर जिला था और रहेगा। सुखराम विश्नोई ने कहा कि, “मैं मदन राठौड़ से निवेदन करना चाहता हूं कि सांचोर जो जिला बना है वो पुराना जिला जालोर से 150 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके दुरस्त जो सांचोर जिले के गांव है उनकी जालोर से दूरी 220-230 किमी है।” सुखराम विश्नोई ने दावा करते हुए कहा कि, जितने भी जिले बने हैं, उनमें सबसे ज्यादा दूरी सांचोर जिले की है। तमाम मापदंड पूरे किए है और जनसुनवाई करके कमेटी ने जो राय दी है उसी के बाद जिले बने हैं।
30 अगस्त कमेटी सौंप चुकी है रिपोर्ट
बताते चलें कि भजनलाल सरकार ने 17 नए जिलो के रिव्यू के लिए 12 जून को उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति गठित की थी। मंत्रिमंडलीय उप समिति के सहयोग के लिए पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने 30 अगस्त को सरकार को रिपोर्ट सौंप दी हैं। जानकारी के मुताबिक पंवार कमेटी ने कई छोटे जिलों को जिले के मापदंडों के हिसाब से सही नहीं माना है।