उप वन संरक्षक चूंडावत ने बताया कि यह लवणीय एवं दलदली प्रकार एक अनोखा पारिस्थिति तंत्र है, जो कद्मछ के रण का ही फैला हुआ भू भाग है। इस पारिस्थितिकी तंत्र में गुजरात राद्यय में पहले से ही वाइल्ड आस सेंचुरी घोषित है। राजस्थान में जालोर जिले के इस क्षेत्र में विगत कुछ दशकों में वाइल्ड आस की उपस्थिति दर्ज की गई है। पूरे विश्व में वाइल्ड आस की तीन प्रजातियां पाई जाती है, इनमें से अफ्रीका तथा दो एशिया में पाई जाती है। एशिया में मुख्यत: मंगोलिया, चीन, साइबेरिया, इरान, भारत, भूटान, तिब्बत में पाई जाती है। भारताााा में वैज्ञानिक नाम इकस हेमियोनस खूर है। भारत में यह कद्मछ का रण क्षेत्र में ही सीमित है एवं जालोर जिले के रणखार क्षेत्र में भी इसकी उपस्थिति दर्ज की गई है। वाइल्ड आस केटेगरी प्रथमें अधिसूचित है तथा आईयूसीएन द्वारा इसे संकटनापन्न श्रेणी में सूचीबद्ध किया है।
रणखार के कंजर्वेशन रिजर्व घोषित होने से यहां जैव-विविधता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही वन्य-जीवों का भी संरक्षण होगा। सांचौर क्षेत्र में नहर के आगमन के साथ वन्य-जीवों के सामने एक सुरक्षित आवास के लिए एक चुनौती पैदा हो गई थी, लेकिन यह कंजर्वेशन रिजर्व सुरक्षित आशियाना उपलब्ध करवाने में सहायक होगा, खासकर हिरणों और रोजड़ों के लिए भी यह क्षेत्र महत्वपूर्ण साबित होगा।
रणखार में कंजर्वेशन रिजर्व एरिया की आवश्यकता पर पत्रिका ने सबसे पहले मुहिम के रूप में समाचार प्रकाशित किया। इस कड़ी में राजस्थान पत्रिका ने 12 अक्टूबर 20२1 को ‘भारत के सबसे बड़े वाइल्ड आस अभयारण्य से सटता है रणखार, कंजर्वेशन रिजर्व एरिया के लिए भेजा प्रस्ताव 29 मई को ‘रणखार में बर्ड सेंचुरी के लिए कवायद शुरु, इसी तरह गलीफा खार में सेंचुरी के लिए मनरेगा बन रहा सहभागी और पहल: परिंदों की उन्मुक्त उड़ान व सुरक्षित आशियाने में अब नरेगा सहयोगी, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा।
रणखार राजस्थान राद्यय का 15 वां कंजर्वेशन रिजर्व है। अब कंजर्वेशन रिजर्व इलाके में पर्यटन, रोजगार व मूलभूत सुविधा विकसित करने में भी मददगार साबित होगा। साथ ही विदेशी पंछियों का जमावड़ा भी इलाके को चार चांद लगाएगा। खास बात यह है कि अद्मछी बारिश के बाद इस क्षेत्र में पानी के भराव के बाद छिछले क्षेत्र में हर वर्ष प्रवासी पक्षी भी शीतकाल में यहां आते हैं और प्रजनन करते हैं। इस स्थिति में यहां कंजर्वेशन एरिया में बर्ड सेंचुरी प्रोजेक्ट भी परवान चढ़ेगा।
इनका कहना
मौजूदा सरकार के गठन के साथ ही रणखार में कंजर्वेशन रिजर्व स्थापित करना प्राथमिकता रही थी। हम पिछले तीन साल से इस दिशा में प्रयासरत थे। आखिरकार भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अब राद्यय सरकार ने अधिसूचना जारी कर रणखार को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया है। हम सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जनसहयोग के माध्यम से रणखार को एक बेहतरीन कंजर्वेशन रिजर्व के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास करेंगे। – सुखराम विश्नोई, राज्य मंत्री