सांचौर (जालोर) क्षेत्र में इस बार जीरे की बम्पर बुवाई से किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद है। बाजार में जीरे के भाव अच्छे होने से इस बार किसानों का जीरे की खेती की ओर रूझान बढ़ा है। कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2022 में 30 हजार हेक्टेयर में जीरे की खेती हुई थी। इस बार करीब 35 हजार हेक्टेयर में जीरे की खेती की गई है। वहीं सरसों के भाव कम होने से किसानों ने सरसों की कम बुवाई की है। वहीं इसबगोल की भी इस बार दस हजार हेक्टेयर के बजाय 12 हैक्टेयर में बुवाई हुई है। दरअसल, देश का 80 प्रतिशत से अधिक जीरा गुजरात के बाद राजस्थान के सांचौर क्षेत्र में में उगाया जाता है।
राजस्थान में देश के कुल उत्पादन का लगभग 28 प्रतिशत जीरे का उत्पादन किया जाता है। राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में कुल राज्य का 80 प्रतिशत जीरा पैदा होता है। हालांकि इसकी औसत उपज पर नजर डाले तो राज्य में इसकी उपज 380 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। जबकि पड़ौसी राज्य गुजरात में उत्पादन 550 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। यहां पर जीरे के प्रति हेक्टेयर कम उत्पादन का कारण फसल के दौरान कीट पतंगे लगने व मौसम के बदलाव की बदौलत जीरे में खराबा होना भी है ।
5 हजार हेक्टेयर अधिक हुई बुवाईसहायक कृषि अधिकारी सांचौर देवेन्द्रसिंह ने कहा, जीरे की गत साल की बजाय इस बार 5 हजार हेक्टेयर अधिक बुवाई हुई है। जबकि रायड़ा 5 हजार हेक्टेयर कम बुवाई हुआ है। वहीं इसबगोल की बुवाई भी 12 हजार हेक्टेयर में हुई है।
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