सीजन की शुुरुआत से पूर्व बने हालातों को लेकर बाहरी व्यापारी और स्थानीय किसान चिंतित हैं। इधर, इस मामले में भारतीय किसान संघ ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सहानुभूतिपूर्ण रुख अपनाने की मांग की गई। बताया जीवाणा में अनार की सीजन में दो महीने के लिए किसानों की सहायता के लिए उनके अनार की ग्रेडिंग कर किसान को अनार के उच्चतम भाव उपलब्ध करवाने को कुछ किसानों के खेतों में अनार स्टोरेज की जाती है, उन खेत में अनार के बिना अन्य कोई व्यवसायिक गतिविधियां नहीं होती।
जालोर के किसान के खेत से अनार निकालकर ट्रैक्टर द्वारा अनार लाकर उसकी ग्रेडिंग कर बॉक्स में पैक करके भारत के अन्य राज्यों में भेजकर किसान को अच्छी कीमत दिलवाने का कार्य कुछ किसान सहायक करते हैं, जबकि किसान को अनार का मार्किट उपलब्ध करवाकर अनार की उच्च कीमत दिलवाने का कार्य सरकार का है।
किसानों ने लगाया आरोप
किसान संघ पदाधिकारियों ने कहा राजस्व अधिनियम में यह प्रवधान है कि छोटी कृषि भूमि में यानि 500 वर्गमीटर तक किसान अपने खेत में अनाज भण्डारण के लिए टीन शेड, वेयर हॉउस किसान के रहने के लिए उक्त भूमि को गैर कृषि के लिए उपयोग कर सकता है, यदि किसान की भूमि का क्षेत्रफल बड़ा हो तो उक्त भूमि के 50 वे हिस्से में किसान अपनी भूमि का उपयोग गैर कृषि भूमि के लिए कर सकता है। ज्ञापन में उपखण्ड अधिकारी सायला व तहसीलदार सायला पर किसानों ने गंभीर आरोप लगाए। इन किसानों के अनार ग्रेडिंग करने वाले किसान से हफ्तावसूली की मंशा से नोटिस भेजकर उक्त भूमि में गैर कृषि कार्य का हवाला देकर लाखों रुपयों के नोटिस भेजे हैं, जबकि अनार की अलग अलग ग्रेडिंग कर उन अनार को बॉक्स में पेकिंग करना भी एक कृषि कार्य का हिस्सा है।
इनका कहना है
मामले में वर्ष 2023 में तत्कालीन तहसीलदार ने नोटिस जारी किए थे। 177 के प्रकरण दर्ज है। ओडिट का मामला भी प्रकरण से जुड़ा हुआ है। इस प्रकरण में मैं जानकारी जुटा रहा हूं। सीजन में किसान हित में सहानुभूतिपूर्ण रुख अपनानते हुए किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। सीजन प्रभावित होगा
हम तो किसान हित में दो माह के लिए जमीन किसानों को सुपुर्द करते हैं। प्रशासन ने नोटिस जारी किया था कि जमीन को कॉमर्शियल में कंनवर्ट करवाया जाए, अन्यथा इसे सिवायचक कर राज्य सरकार को सुपुर्द कर दिया जाएगा। ये नोटिस किसानों के हितों पर कुठाराघात है।