ये सिक्के किस समय चलते थे और इनकी कीमत आज इतनी ज्यादा क्यों है। ये बताने से पहले उस जगह के बारे में बता देते हैं, जहां से सिक्के निकले हैं। ये सिक्के जालौन के व्यासपुरा गांव के कमलेश के घर के नीचे से निकले हैं। वो खुदाई करा रहे थे, तभी एक बर्तन मिला जिसमें ये सिक्के निकले।
चांदी के बर्तन में रखकर दबाए गए थे सिक्के
SDM राजेश सिंह ने बताया है कि घर के नीचे से करीब 250 सिक्के और 4 कड़े मिले हैं। चांदी के बर्तन में ये रखे हुए थे। जिनको पुलिस ने जब्त कर लिया है। फिलहाल पुलिस और राजस्व टीम ने इस घर को अपने कब्जे में ले लिया है और खुदाई कराई जा रही है।
सिक्कों पर क्वीन की तस्वीर
मकान की खुदाई में जो सिक्कों मिले हैं। वह सिक्के एक रुपए के हैं और 161 साल पुराने हैं। सन 1862 का ये सिक्का चांदी से बना हुआ है। इस पर एक तरफ अंग्रेजी में वन रुपी इंडिया 1862 लिखा है। सिक्के के दूसरी क्वीन विक्टोरिया की तस्वीर है। तस्वीर के एक ओर क्वीन, दूसरी तरफ विक्टोरिया लिखा है।
इस एक सिक्के की कीमत लाखों में क्यों
ये सिक्के 161 साल पुराने हैं और सालों पहले ये बनने बंद हो गए हैं। इसके बावजूद ये सिक्के किसी को करोड़पति बना सकते हैं। इसकी वजह है कि इन दुर्लभ सिक्कों को बहुत से लोग और नीलामी करने वाली साइट्स खरीदना चाहती हैं।
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इन साइट्स 1862 के सिक्कों की नीलामी का हालिया समय का जो रिकॉ़र्ड रहा है। उसमें देखा गया है कि एक रुपए की नीलामी एक से डेढ़ लाख तक पहुंच जाती है। वहीं 1885 का यह एक सिक्का इससे भी ज्यादा में बिकता है।