परिजनों ने दिया धरना
इधर रविवार सुबह 9 बजे से आदिल व हसनेन की हत्या का शक जाहिर करते हुए उनके परिजन व अन्य लोग मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि हसनेन के सिर पर चोट के निशान हैं, जबकि आदिल के गले पर ऐसे निशान है, जिससे अंदेशा है कि उसकी गला घोंट कर हत्या की गई है। जिस टांके में शव मिले, उसका ढक्कन बंद था और उसमें 2.1 फीट पानी ही था, जबकि बच्चों की लम्बाई 3 फीट से ज्यादा थी। पुलिस अधीक्षक चौधरी सहित अन्य अधिकारी मोर्चरी पहुंचे। चौधरी ने परिजनों से कहा कि वे जल्द पोस्टमार्टम करवाएं ताकि बच्चों की मौत के कारणों का खुलासा हो सके। इधर पूर्व प्रधान अमरदीन फकीर सहित अल्पसंख्यक समाज के अन्य प्रतिनिधि धरने पर रहे। गौरतलब है कि आदिल का पिता शौकत खां मदरसा पैराटीचर है और आदिल उसका इकलौता बेटा था जबकि हसनेन का पिता पीरबख्श मजदूरी करता है और वह अपने पिता की तीसरी संतान है।
टांके पर पुलिस का पहरा
पुलिस अधीक्षक चौधरी ने कहा कि पुलिस ने बच्चों की गुमशुदगी की सूचना को सोशल मीडिया पर वायरल किया। बाद में रात के समय शव मिलने के बाद वे स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे और एफएसएल टीम ने जरूरी जांच की। पूरी रात पुलिसकर्मियों ने उस टांके के पास पहरा दिया, जहां शव बरामद किए गए थे। ऐसा करने से आरोपी साक्ष्यों को मिटा नहीं सके। चौधरी ने कहा कि इस मामले में मुख्य अभियुक्त का एक-दो लोगों के साथ सम्पर्क था, उन लोगों की पुलिस में एफआईआर और शवों का पोस्टमार्टम समय पर नहीं करवाने में भूमिका सामने आई है। पुलिस उनसे इस संबंध में भी पूछताछ करेगी कि सबूतों को नष्ट करने और पुलिस की कार्रवाई में देरी करवाने में उनकी कितनी भूमिका है ?