उधर, इस आदेश से यह भी स्पष्ट हो गया कि देश में इस साल जनगणना नहीं होगी। हालांकि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों जनगणना जल्द कराए जाने का संकेत दिया था। जनगणना महारजिस्ट्रार की ओर से मंगलवार को सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों और जनगणना निदेशालयों को इस बारे में आदेश जारी किया।
आदेश के अनुसार जनगणना महारजिस्ट्रार ने पिछले साल दिसम्बर में देश में 30 जून के बाद जिले, तहसील, गांव सहित सभी प्रशासनिक इकाइयों की सीमा बदलने पर रोक लगा दी थी। ऐसे में भजनलाल सरकार के नए जिलों की समीक्षा संबंधी कार्य को लेकर एक जुलाई से ही सवाल उठ रहे थे। पिछले माह राजस्थान सरकार को बजट घोषणा की पालना में उपखंड, तहसील व गांव जैसी इकाइयों की सीमा बदलने की छूट मिल गई थी, लेकिन उसमें जिलों की सीमा बदलने की छूट नहीं थी।
राजस्थान सरकार को मिली राहत
31 दिसम्बर तक प्रशासनिक इकाइयों की सीमा बदलने की छूट से राज्य सरकार को राहत मिली है। इससे अब पूर्ववर्ती सरकार के समय बने जिलों की समीक्षा के लिए बनी मंत्रिमंडलीय कमेटी को निर्णय लेने के लिए और समय मिल गया है। सीएम भजनलाल शर्मा ने पिछले दिनों केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेज कर जिले, तहसील, उपखंड और गांवों के गठन की छूट दिलाने का आग्रह किया था। इन जिलों पर गिर सकती है गाज
राजस्थान के 17 नए जिलों में 12 ऐसे है, जो मापदंडों में फिट नहीं बैठ रहे है। इनमें दूदू, कोटपूतली—बहरोड़, खैरथल—तिजारा, नीमकाथाना, केकड़ी, डीग, गंगापुरसिटी, शाहपुरा, फलोदी, सलूंबर, सांचौर और अनूपगढ़ जिले का नाम शामिल है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन नए जिलों की सीमा बदली जा सकती है। नए जिलों की समीक्षा के लिए मदन दिलावर के संयोजन में गठित कमेटी कमेटी जल्द ही सरकार को फाइनल रिपोर्ट भेजी। जिस पर सीएम भजनलाल शर्मा ही अंतिम फैसला लेंगे।