जगेगा देशभक्ति का भाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर के क्षेत्र में अत्याधुनिक विकास कार्य किए जाएं, जिससे यहां आने वाले पर्यटक देश के प्रति गौरवान्वित हों तथा उनमें देशभक्ति का भाव जागृत हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्य मंदिर और प्रवेश द्वार के सौंदर्यीकरण को प्राथमिकता देते हुए पूरे परिसर में सभी आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएं। शर्मा ने कहा कि मंदिर को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हुए स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार और आर्थिक अवसरों का सृजन भी किया जाए। इस अवसर पर उन्होंने मंदिर क्षेत्र में एडवेंचर स्पोर्ट, डेजर्ट सफारी सहित मंदिर के मास्टरप्लान के तहत बनने वाले सभी अत्याधुनिक सुविधाओं की समीक्षा की। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय शिखर अग्रवाल, शासन सचिव पर्यटन रवि जैन सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। हकीकत: पर्यटन की अकूत संभावनाएं
- जैसलमेर के भारत-पाकिस्तान सीमा पर अवस्थित तनोटराय माता के मंदिर के भक्त राजस्थान प्रदेश के अलावा देश भर में फैले हुए हैं। ये भक्त पाकिस्तानी बमों को ‘बेदम’ वाली इस चमत्कारिक देवी के मंदिर में अपनी मनौतियां लेकर दर्शनार्थ पहुंचते हैं।
- सीमा की रखवाली करने का जिम्मा उठाने वाले सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी व जवान ही इस मंदिर का सारा प्रबंधन देखते हैं। अब यह मंदिर आने वाले समय में जैसलमेर के पर्यटन को और ऊंचाई तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाला है। ऐसे में यहां पर्यटकों की सुविधा तथा उनकी श्रद्धा को और बढ़ाने वाले कार्य करवाए जाने हैं।
- पिछली सरकार के कार्यकाल में सीसुब के नि:शुल्क भूमि आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत जिले की सम तहसील के तनोट गांव में राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम-1956 की धारा 102 के अंतर्गत 2.19 बीघा भूमि नि:शुल्क आवंटन किया जाना था।
- दो साल पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तनोट मंदिर परिसर परियोजना की आधारशिला रखी थी। जानकारी के अनुसार तनोट माता मंदिर क्षेत्र में सीसुब की तरफ से इंटरप्रिटेशन सेंटर, कैफेटेरिया, प्रतिक्षालय व चित्र दीर्घा का निर्माण करवाया जाना प्रस्तावित है।
- सैलानियों में तनोटराय मंदिर में दर्शन करने के साथ ही वहां से करीब 18 किलोमीटर दूर बबलियानवाला पोस्ट पर जाकर सीमा दर्शन करने के प्रति आकर्षण को और बढ़ावा मिलेगा।