हकीकत यह भी
हाल में बाहरी लोग असमय विशेषकर रात के समय किले में आते हैं, जबकि दर्शनीय स्थल शाम के बाद बंद हो जाते हैं। ये कई बार रिहायशी क्षेत्रोंं में घूमते नजर आते हैं। गौरतलब है कि ऐतिहासिक सोनार किले के पर्यटन स्थल होने के कारण उन्हें रोका नहीं जा सकता। अनजान चेहरों में कई संदिग्ध लोगों के शामिल होने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। जानकारों के अनुसार सोनार किले में संचालित हो रहे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कार्य करने वाले लोगों का भी सत्यापन न होना सुरक्षा के लिहाज से महंगा साबित हो सकता है।मेजबान व मेहमान दोनों परेशान
सोनार दुर्ग के पर्यटन स्थलों पर धूम्रपान और अन्य मादक पदार्थों के सेवन की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए असुविधा का कारण बन रही हैं। यही कारण है कि दुर्ग की स्वच्छता और सुरक्षा दोनों पर असर पड़ रहा है। लंबे समय से यह सिलसिला बना हुआ है, लेकिन इन्हें रोकने के लिए कोई प्रभावी प्रयास अब तक देखने को नहीं मिले हैं।इन बिन्दुओं पर हो प्रयास
-सुरक्षा के लिहाज से ऐतिहासिक सोनार दुर्ग के सभी हिस्सों में उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की दरकार है।-किले में नियमित गश्त और सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए, ताकि संदिग्ध तत्वों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके।
-पर्यटकों को जागरूक करने के लिए सूचना बोर्ड और संकेतक लगाए जाएं और धूम्रपान व नशावृत्ति पर अंकुश के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं।
-किले के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले बाहरी कर्मचारियों के परिचय पत्रों की जांच की जाए और उनका सत्यापन सुनिश्चित किया जाए।