मरुस्थलीय सीमा क्षेत्र ( Jajasthan Weather ) में गर्मी कई बार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाती है। देश की सीमाओं की रक्षा में जुटे जवानों को कई बार दिन में 50 डिग्री या उससे भी अधिक तापमान में अपने कर्तव्य को अंजाम देना होता है। एकदम निर्जन सीमा क्षेत्र में हाथों में हथियार उठाए ये जवान इतनी प्रतिकूलताओं के बीच भी भरपूर हौसले के साथ ड्यूटी कर रहे हैं। बल की तरफ से उनके लिए पीने के पानी तथा कूलरों की शीतल हवा के अलावा जरूरी बंदोबस्त किए हुए हैं। सीमा क्षेत्र में मिनी एमआई रूम बनाए हुए हैं, जहां मौसम की चपेट में आए जवानों का इलाज किया जा सकता है। हालांकि जवानों का जज्बा इतना ऊंचा है कि वे प्रचंड गर्मी का मुकाबला नींबू पानी आदि से कर लेते हैं।
-जैसलमेर जिले में कई सीमा चौकियों पर डक कूलिंग सिस्टम स्थापित किया जा चुका है।
-शीतलता प्रदान करने के मामले में एयरकंडीशनर के समकक्ष डक कूलर के चलते सीमा चौकियों का तापमान खासा कम रहता है।
-डक कूलर अभी नहीं लगे हैं, ऐसी सीमा चौकियों पर कूलर लगवाए गए हैं।
-पीने के पानी को ठंडा रखने के लिए बड़े घड़ों की व्यवस्था भी है।
-जवानों के रहने के लिए बनाए गए बंकरों व कमरों को सूरज की सीधी किरणों से बचाने के लिए खीपें लगाई जाती है।
-कई चौकियों में वाटर कूलर की व्यवस्था है। गर्मी के इस मौसम में नीबू पानी का सेवन दिनभर करने की सलाह जवानों को दी जाती है। -जवान भी अपने शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखते हैं।
मौसम विभाग ( Meteorological Department ) के अनुसार अधिकतम तापमान 47.0 व न्यूनतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गर्मी के इस मौसम में कूलर व पंखे भी नकारा साबित हो रहे हैं। वहीं गर्मी की छुट्टियां होने के बावजूद खेल के मैदान सूने नजर आ रहे हैं। दोपहर में लू के थपेड़ों व उमस भी कोढ़ में खाज का काम कर रहे हैं। ऐसे मौसम में स्वर्णनगरी के बाशिंदों को राहत के लिए कुछ नहीं सूझ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी भीषण गर्मी के कारण हालात जुदा नहीं रहे। rajasthan Weather forecast जैसलमेर के अलावा रामगढ़, पोकरण, रामदेवरा, सांकड़ा, फलसूण्ड, मोहनगढ़, खुईयाला, नोख, नाचना, फतेहगढ़, बडोड़ा गांव, रुपसी सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में भी भीषण गर्मी ने लोगों को झुलसा दिया।
– 02 सेक्टर जैसलमेर जिले में
– 3500 जवान मुस्तैदी से तैनात